Page 78 - Sanidhya_2024
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जीवान परा माानतिसके�ा केा प्रभुावा



                                                                    ं
                                                                            ै
                                                                        े
                    मानाहिसकाता वा� रूप � जीो �रा मानावा जीाहित काी सो� काो बा� देती �| मानाहिसकाता काा
                                       ै
                                                                                   ं
                                                                                        े
                                                               ै
                    असरा �माराी सो�, स्वीास्थ् औरा व्यवा�ारा परा पड़ता � | �म हिजीस वाातावाराण म रा�त �  ै
                                              ं
                       ं
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                                                                            े
                                                                              ै
                                                                      ू
                                                            े
                    वा�ा का रा�ना स�ना काो देखत एवा हिवा�ाराों काो सनात औरा म�सस कारात � हिजीसकाा सी�ा
                                                          ु
                                                 व
                    प्रभावा �माराी मानाहिसकाता काो प्रदेहिशुत काराता � |
                                                         ै
                                                ू
                                             “या तीो मानसिंसोकातीा काा बाड़ा खल ह ै
                                                                        े
                                           काहो तीो आपुकाो ह� खल म �ीती सिंदला द ं
                                                                   ं
                                                               े
                                                                               ं
                                                                े
                                        औ� काहो तीो आपुकाो ह� खल म माती सिंदला द”
                                                                    ं
                                                                                               Smt. Neetika Singh
                                                                                             W/o HC/GD Prem Chand,
                                                                                              GC CRPF Greater Noida
                                                                           े
                     ं
                             �
                    म मानाती हूँ हिका �रा मानावा जीाहित हिका मानाहिसकाता म परिरावातना �ोता � लहिकाना एका समय ऐसा आता � जीब �म
                                                                         ै
                                                                  व
                                                            ं
                                                                                                  ै
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                    हिकासी नाा हिकासी परिरान्धिस्तहिथ म ऐसा फेस जीात �| जी�ा स काोई राास्ता ना�ी हिदेखता �माराा हिदेमाग मानाहिसका
                                           ं
                                                               �
                    तनाावा म उल� जीाता � औरा मना बरा हिवा�ाराों स हिघरा जीाता � उस एका पल म �म अपनाा जीीवाना तका त्यागना  े
                                                                    ै
                                                          े
                                      ै
                                                 े
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                                                                                 ं
                          ं
                    काो तयारा �ो जीात � | य�ी �माराा कामजीोरा हिबदे �ोता � हिजीसकाो �म अपना ज्ञााना का प्रकााशु स अपनाी प्रबल
                                                                ै
                                                          ु
                                                                                               े
                                                                                े
                                                                                      े
                        ै
                                  े
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                                    ै
                    मानाहिसकाता स उस एका सकाटे भरा पल काो �राा सकात �| जीीवाना का प्रकााशु काी ओंरा जीीत काा कादेम बढ़ा
                               े
                                                                  ै
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                                                                े
                                                                          े
                                                े
                    सकात �|
                          ै
                         े
                                                                                                       े
                                                                                                    ं
                                    े
                    मरा हिप्रय पाठाकाो �म अपनाी मानाहिसकाता काो शुन्धिक्तशुाली औरा मजीबत बनाानाा �ोगा इसका हिलए �म �मशुा
                     े
                      े
                                                                           ू
                                                                                           े
                                                                                                 े
                                                                     े
                                                                                         ं
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                                                          े
                    स्वीच्छी, सदेरा औरा सकााराात्मका हिवा�ाराों काो अपना अदेरा जीन्म देनाा �ोगा| मानाहिसकाता म बदेलावा का हिलए �म
                    पस्तका पढ़ सकात �, योग कारा सकात � अपनाी सगत काो अच्छी व्यन्धिक्तयों म शुाहिमल कारा सकात �| �माराी
                                                                                 ं
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                                                                                                   ै
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                                                                       े
                                                                                                      े
                    मानाहिसकाता प्रभावाशुाली सकााराात्मका �ोगी तभी तो �म एका स्वीास्थ्, सन्दरा समाजी काा हिनामाण कारा पायगी |
                                                                                             व
                                                                            ु
                                                             ं
                                                              े
                                                                                 ं
                                           “�बा हम अच्छा सोोचगो तीो अच्छ सिंवचा� आयागो े
                                                                      े
                                           अच्छ सिंवचा� आयागो तीो हम अद� सो खशा �हगो े
                                                                         े
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                                                          ं
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                                           औ� अगो� हम खशा �हगो तीो हमशाा मानसिंसोका
                                                               ं
                                                                            े
                                                                  े
                                               औ� शाा�ीरि�का रूपु सो स्वस्थ �हगो |”
                                                                           ं
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