Page 82 - Sanidhya_2024
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                                     भार� क वीर “लोगो और टगलाइ�”

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                                                                                             े
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               काद्रीीय ग� म�ी जीी द्वााराा 09 अप्रल, 2017 काो “भारात का वाीरा” पोटेल काो लॉन्च हिकाया गया था, हिजीसकाा उद्देश्य
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        उना लोगों काो सहिवा�ा प्रदेाना कारानाा था जीो काद्रीीय सशुस्त् पहिलस बलों, असम रााइफेल्स औरा रााष्ट् ी ीय सराक्षाा गाडो (NSG) का
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        शु�ीदेों का परिराजीनाों (NOKs) काो देाना देनाा �ा�त �। देानाकाता, पोटेल/वाबसाइटे का माध्यम स सी� परिराजीनाों का खात म या
                                                                   े
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        भारात का वाीरा नाामका काोर्ष म योगदेाना कारा सकात �। भारात का वाीरा का माध्यम स हिकाए गए सभी योगदेाना आयकारा
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        अहि�हिनायम, 1961 काी उप�ाराा 80 (जीी) का त�त आयकारा स मक्त �। देानाकाता डोहिबटे/�हिडोटे कााडो, यहिनाफेाइडो पमटे
                                                                                              ं
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        इटेराफेस (यपीआई) का माध्यम स औरा भारात का वाीरा का नााम स (In favour of )  �का / डोाफ्ट का माध्यम स भी योगदेाना
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        कारा सकात �। ‘भारात का वाीरा टे�’ काापकिकिकिराटे सोशुल रिरास्पोंकिन्धि�हिलटेी (CSR) का त�त पजीीकात � हिजीसका फेलस्वीरूप
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        काापोराटे सक्टूरा भी शु�ीदेो का परिरावााराो का काल्यााण का हिलए ‘भारात का वाीरा काोर्ष‘ म अपनाा योगदेाना दे सकात �।  कान्द्ीय   नव�ोती काौ�
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                                                                                                         ु
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        पहिलस बलो का हिवावााहि�त शु�ीदेों का माता-हिपता काो भारात का वाीरा काोर्ष स हिदेनााका 01.05.2020 स 10 लाख रुपय काी   स्पशुल सल (काल्यााण)म�ाहिनादेशुालय
                                                                                          े
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        हिवात्तीय स�ायता प्रदेाना काी जीाती �। इसका अहितरिराक्त भारात का वाीरा काोर्ष स 10 लाख रुपय उना कान्द्ीय पहिलस बलो
                                                                े
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        का जीवाानाो काो प्रदेाना हिकाय जीात � जीो सहि�य ड्यूहिटे का देौरााना आशुक्तता या घायल �ोना का उपराात सवााहिनावात्त हुए �। य� प्रावा�ाना हिदेनााका
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        01/01/2021 काो या उसका बादे आशुक्तता/घायल �ोना का उपराात सवााहिनावात्त हुए जीवाानाो परा प्रभावाी �। ै

                                             ं
                                     ू
               अहि�का दृश्यता औरा जीना सम� तका पहु� का हिलए भारात का वाीरा टे� का हिनाम्नहिलन्धिखत “लोगो औरा टेगलाइना” काा हिनाणय हिलया गया �,
                                                                                                                ै
                                                           े
                                                                                                     व
                                                                                        ै
                                                                    े
                                                                ी
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                                                                                                               �
                                                                                              े
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            ं
        हिजीन्हे सराकााराी �शुनाराी/पस्तकाों औरा समय-समय परा म�त्वपण अवासराों परा प्रमख स्थाानाों परा प्रदेहिशुत हिकाए जीाना वााल हिवाहिभन्नो सराकााराी �ोहिडोग्स
                           ु
                     े
        परा हिवाज्ञााहिपत/महिद्रीत हिकाया जीानाा आवाश्यका �। ै
                   ु
                                               भाा�ती का वी� “लोगोो” काा सिंवव�णी:
                                                     े
                                             श
                                                                             ी
                                                                          े
                                                                           े
                                        “शाौया, सोाहसो औ� बासिंलदान काा सिंचत्रापुट(टपुस्‍ टी)”।
                                                                             �
                                                     ं
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                                                                                                               े
               भारात का वाीरा का प्रतीका का रूप म  �म भारात का काद्रीीय सशुस्त् पहिलस बलों का अदेम्य सा�स का प्रहित अत् यत श्रीद्धा काा भावा राखत �,
                                         ं
                                                                            े
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                                                                                े
                                                                                             े
        य� एका उत्कृष्ट् काहित � जीो हिका शुौय, सा�स औरा बहिलदेाना काा सारा समटे हुए �। इस प्रतीका का प्रत्यका तत्व काो �मारा रााष्ट् ी  काी अनाकाता म एकाता
                                                                                                  ं
                                                                                                   े
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                                                                                    े
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        का ताना-बाना स प्रराणा लत हुए सावा�ानाीपवाका तयारा हिकाया गया �। भारात का वाीरा “लोगो” का हिलए �ना गए राग �मारा हितराग का प्रहित एका मौना
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                                                   े
        श्रीद्धाजीहिल �, जीो �मारा रााष्ट् ी ीय ध्वजी काो सशुोहिभत काराना वााल कासरिराया, सफेदे औरा �रा राग काी प्रहितध्वहिना काो प्रदेहिशुत कारात �। य राग ना कावाल �मारा  े
                                                    े
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                                           ं
        म�ाना रााष्ट् ी  काी एकाता औरा अनाकाता का प्रतीका �, अहिपत �माराी प��ाना, शुन्धिक्त, शुाहित औरा जीीवातता काो भी देशुात �। सामजीस्यपण पराका का तौरा
                                                                                                     ू
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        परा, गरिरामापण नावाी ब्लू राग एका हिद्वातीयका राग का रूप म कााय काराता �, जीो प्रतीका का म�त्व काो देशुाता �। ै
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               प्रतीका का काद्री म कााल राग काी उल्टीी बदेका का ऊपरा राखा गया जीतनाी �रा राग काा राखा गया �लमटे एका शुन्धिक्तशुाली दृश्य � जीो �मारा  े
                                                                                    े
        सहिनाकाों का अदेम्य सा�स औरा ब�ादेराी काो श्रीद्धाजीहिल देता �। इस माहिमका छूहिवा का �ाराों ओंरा गहूँ का देाना �, जीो �मारा हिदेवागत प्र�ानाम�ी श्रीी लाल
                                                                                                ं
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        ब�ादेरा शुास्त्ी का शुाश्वात शुब्दोों- “जीय जीवााना, जीय हिकासाना” का हिलए एका माहिमका श्रीद्धाजीहिल �-एका शुाश्वात स्‍ महित हिका �माराी सीमाओंं का राक्षाका
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        �माराी भहिम का कार्षकाों काी तरा� �ी म�त्वपण �।
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               अक्षाराों काी एका सध् वााहिनाकाा म, “शुौय”, “सा�स” औरा “बहिलदेाना” शुब्दो अहिकात �, जीो प्रतीका का अत म समपण भावा का हिलए प्रहितहिबहिबत
                                                                                                              ं
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        �। य शुब्दो एका पराम म�त्व का साथ प्रहितध्वहिनात �ोत �, जीो �मारा सशुस्त् बलों काी आत्मा काी एका �लका पशु कारात �। “शुौय” वाीराता काी बात
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        काराता �, एका अटेटे दृढ़ सकाल्प जीो �मारा ब�ादेरा सहिनाकाों काी रागों म ब�ता �। “सा�स” उनाका अदेम्य सा�स, एका हिनाडोरा भावानाा काो देशुाता �  ै
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        जीो प्रहितकाल परिरान्धिस्थाहितयों काा डोटेकारा सामनाा काराता �। औरा अत म, “बहिलदेाना” रााष्ट् ी  काी सवाा म हिकाए गए सवाोच्चो बहिलदेाना काो प्रदेहिशुत काराता �।
                                                         ं
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               इनाका अक्षारा अपना आप म एका दृश्यात् मका छूहिवा बनाात �, हिजीसम “भारात का वाीरा” काो �मकाील कासरिराया राग म सा�सपवाका हिलखा गया
                                                                                     े
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        �, एका ऐसा राग जीो शुन्धिक्त औरा ब�ादेराी काो देशुाता �। इसका बादे “शुौय”, “सा�स” औरा “बहिलदेाना” अक्षारा �, हिजीनाम स प्रत्यका �मारा रााष्ट् ी ीय ध्वजी
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         े
        का हृदेय स हिलए गए शुाहित का प्रतीका �रा राग स सशुोहिभत �। इस व्यवास्थाा म, य� प्रतीका रााष्ट् ी  काी एकाता औरा अखडोता काा एका जीीवात प्रमाण बना
                                                       ै
              ै
                       े
        जीाता �, जीो भारात का वाीरा का मल हिसद्धातों काो समाहि�त काराता �।
                                     ं
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                                                                                                    े
                       इस प्रकाारा, भारात का वाीरा “लोगो” कावाल एका प्रतीका का रूप म ना�ीं अहिपत रागों, आकाहितयों औरा अक्षाराों म उकाराी गई एका गाथा
                                                                           ु
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        का रूप म अवालहिबत � - �माराी सीमाओंं काी राक्षाा काराना वााल औरा रााष्ट् ी  काी एकाता एवा अखडोता का राक्षाकाों काी ब�ादेराी, बहिलदेाना औरा अटेटे
                                                                                               ु
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        प्रहितबद्धता का हिलए एका माहिमका श्रीद्धाजीहिल। य� एका ऐसा प्रतीका � जीो समय स परा �, एका ऐस रााष्ट् ी  काी भावानाा काो देशुाता � जीो एकाजीटे �, ल�ीला
                                   ं
                                                                                                 ै
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        � औरा अपना वाीरा राक्षाकाों का प्रहित सदेवा ऋणी �। ै
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                                                        जय निहांदे !
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