Page 85 - Sanidhya_2024
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संानि�ध्य
साथका स�योग सवादेा
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“साहिनाध्य” अथात सामीत्य या समीपता | सी0आरा0पी0एफे परिरावाारा काल्यााण सस्थाा
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(काावाा) का सराक्षाण म प्रकााहिशुत �ोना वााली सी0आरा0पी0एफे परिरावाारा काी महि�लाओंं काी उपलन्धिब्धयों
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परा प्रकााहिशुत �ोना वााली वा� पहि�काा �, हिजीस काावाा काी महि�लाए अपना इतनाा “समीप” अनाभवा काराती
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� हिका वाो अपना �रा अनाभवा काो बहि��का इस पहि�काा का माध्यम स प्रकाटे काराती � |
“साहिनाध्य” मा� एका पहि�काा �ी ना�ी बन्धिल्क उनाकाी अनाभहितयों काा वा� सगम � ै
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हिजीसम �म भारात का हिवाहिभन्नो प्रदेशुों म रा�ना वााल लोगों का हिवा�ाराों, वा�ा का वाशुभर्षा एवा सास्कुहितका श्रीीमतीी ��नी शामा श
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पत्नीी हिनाराीक्षाका/ म�ालय
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परिरावाशु म डोबकाी लगाना काा अवासरा हिमलता � | मनाोजी कामारा शुमा व
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ग्रुप काद्री भवानाश्वारा
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“साहिनाध्य” सी0आरा0पी0एफे परिरावाारा काी महि�लाओंं काी सशुक्त आवााजी � औरा म� हिवाश्वाास � हिका य े
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आवााजी हिदेना प्रहितहिदेना औरा अहि�का सशुक्त �ो जीायगी औरा सी0आरा0पी0एफे परिरावाारा काी महि�लाओंं का काल्यााण म ं
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म�त्वपण भहिमकाा हिनाभाएगी |
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