Page 67 - Sanidhya 2024
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हीरिरायाालाी �ीज केी माहीत्ताा
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हैमुा�ा �शी त्यंंहैा�ंं �ा �शी है जाहैा प� संभाी त्यंंहैा� बड़ीी प� है� �ग � �पड़ी पहै�� �ी प�प�ा है,
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धैमुधैामु , खुशीी औ� उमुग � संार्थ मु�ाए जाात है। तीजा �ं हैरि�यााली जां कि� लब संमुया सं चली आ �हैी है।
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तीजा याा �जाली तीजा � �ामु सं भाी जाा�ा जााता है। किहै� पचाग � इसं उत्सावा मु �वाा�ी �न्याओंं
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अ�संा� तीजा �ा पवा संावा� मुासं � शीक्लपक्ष �ी ततीयाा कितकिर्थ �ं सं ल�� किवावााकिहैत यावाा औ� वाद्धा मुकिहैलाए
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मु�ायाा जााता है। इसं कि�� संहैाकिग� मुकिहैलाए पकित �ी लबी आया � संखिम्माकिलत हैंती है। �वा-किवावााकिहैत यावाकितयांं
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किलए व्रत �खुती है। �ामुायाण वा मुहैाभाा�त �ाल मु भाी इसं पवा �ा � प्रर्थमु संावा� मु मुाया� आ�� इसं
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उल्लीखु किमुलता है। �हैा जााता है कि� मुाता पावाती � भागवाा� किशीवा हैरि�यााली तीजा मु संखिम्माकिलत हैं� �ी श्रीीमतीी पुनम सिंसोह,
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�ी प्राखिप्त � किलए इसं व्रत �ं कि�याा र्था, किजासंसं प्रसंन्न हैं�� भागवाा� प�प�ा है। हैरि�यााली तीजा � कि�� पत्नीी �ी संंजाया �ु मुा� किसंंहै,उप मुहैाकि��ीक्ष�
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ग्रप �न्द् �रि�पबल, संबलप�
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भांल�ार्थ � मुा पावाती �ं पत्नीी � रूप मु स्वाी�ा� कि�याा र्था। संहैाग� खिस्त्याा है� �ग �ा �गा� ु े े ु ं ु
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हैरि�यााली तीजा � कि�� पजाा अच�ा � �ौ�ा� मु� जााप ���ा बहुत ��ती है। इसं� पीछु धैाकिमु� �ा�ण
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शीभा मुा�ा जााता है। याहै उत्सावा मुकिहैलाओंं �ा उत्सावा है। संावा� मु ं � संार्थ हैी वाज्ञााकि�� �ा�ण भाी है। मुहै�ी संहैाग �ा प्रती� किचन्हो
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जाब संम्पण प्र�कित है�ी ओंढ़ा�ी सं आच्छाकि�त हैंती है उसं अवासं� मुा�ा जााता है। इसंकिलए मुकिहैलाए संहैाग पवा मु मुहै�ी अवाश्य लगाती
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प� मुकिहैलाओंं � मु� मुया� �त्यं ��� लगत है। वाक्ष �ी शीाखुाओंं मु ं है। इसं�ी शीीतल प्र�कित प्रमु औ� उमुग �ं संतल� प्र�ा� ��� �ा
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झेूल पड़ी जाात है। आस्थाा, उमुग, संौं�या औ� प्रमु �ा याहै उत्सावा भाी �ामु ��ती है। हैरि�यााली तीजा �ा कि�यामु है कि� क्रंधै �ं मु� मु ं
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किशीवा-पावाती � प�किमुल� � उपलक्ष् मु मु�ायाा जााता है। चा�ंं ओं� �हैीं आ� �। मुहै�ी �ा औ�धैीया गण इसंमु मुकिहैलाओंं �ी संहैायाता
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हैरि�यााली हैं� � �ा�ण इसं हैरि�यााली तीजा �हैत है। इसं अवासं� ��ता है। इसं व्रत मु संासं औ� बड़ी, �ई �ल्ह� �ं वास्त्, है�ी चकिड़ीयाा ं
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प� मुकिहैलाए झेूला झेूलती है, लं�-गीत गाती है औ� आ�� मु�ाती , �गा� संामुग्री औ� किमुठाइयाा भा� ��त है। इसं�ा उद्देश्य हैंता है,
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हैै। �ल्ह� �ा �गा�, संहैाग सं�ा ब�ा �है औ� वाशी �ी वाखिद्धा हैं।
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सं�ात� धैमु मु है�ा �ग संखु, शीाकित, हैरि�यााली, त�क्काी औ� �हैा जााता है कि� इसं कि�� मुाता पावाती सं�ड़ींं वा�ं �ी
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अच्छी संहैत �ा प्रती� मुा�ा जााता है, इसंकिलए हैरि�यााली तीजा संाधै�ा � प�ात भागवाा� किशीवा सं किमुली र्थी। याहै भाी �हैा जााता है कि�
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मुाता पावाती � भागवाा� किशीवा �ं पकित रूप मु पा� � किलए 107 बा�
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जान्म किलयाा किफ� भाी मुाता �ं पकित � रूप मु किशीवा प्राप्त � हैं सं�।
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108 वाीं बा� मुाता पावाती � जाब जान्म किलयाा तब �ावाण मुासं �ी
शीक्ल पक्ष ततीयाा �ं भागवाा� किशीवा पकित रूप मु प्राप्त हैं सं�। तभाी
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सं इसं व्रत �ा प्रा�म्भ हुआ। इसं अवासं� प� जां संहैाग� मुकिहैलाए
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संंलहै �गा� ��� किशीवा पावाती �ी पजाा ��ती है उ��ा संहैाग
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लबी अवाकिधै त� ब�ा �हैता है। संार्थ हैी �वाी पावाती � �है� प�
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किशीवाजाी � आशीीवाा� कि�याा र्था कि� जां भाी �वाा�ी �न्या इसं व्रत �ं
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�खुगी औ� किशीवा पावाती �ी पजाा ��गी उ�� किवावााहै मु आ� वााली
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बाधैाए �� हैंंगी संार्थ हैी यांग्य वा� �ी प्राखिप्त हैंगी। संहैाग� खिस्त्यांं
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�ं इसं व्रत सं संौभााग्य �ी प्राखिप्त हैंगी औ� लब संमुया त� पकित �
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संार्थ वावााकिहै� जाीवा� �ा संखु प्राप्त ��गी। इसंकिलए �वाा�ी औ�
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संहैाग� �ं�ंं हैी इसं व्रत �ं �खुती है ै
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