Page 70 - Sanidhya 2024
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              सोध्या अध्य - छुठ �ा तीसं�ा कि�� संध्या अध्य है। छुठ पजाा �ा   है तर्था वाहैा उपखिस्थात लंगंं मु प्रसंा� किवात�ण ��� व्रती घा� आ��
                                                                                                       े
                                                                                       ं
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              किवाशी� प्रसंा� जासं ठ�आ, चावाल � लडड किजासं �चवााकि�याा भाी   अप� परि�वाा� आकि� �ं प्रसंा� किवात�ण ��त है। व्रती घा� आ��
                                                   े
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              �हैा जााता है, ब�ाया जाात है। छुठ पजाा � किलए ए� बासं �ी ब�ी   शी�बत तर्था प्रसंा� खुा�� व्रत पण ��त है किजासं पा�ण याा प��ा
                                 े
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              हुई �ं��ी किजासं �उ�ा �हैत है, मु पजाा � प्रसंा� वा पाच त�है �   �हैत है।
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              फल इत्यंाकि� डाल�� पजाा अच�ा ��त है।  �उ�ा �ं घा� � परू�
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              अप� हैार्थंं सं उठा�� छुठ घाा� प� ल जाात है ताकि� अपकिवा� � हैं   छुठ मुहैापवा मु पकिवा� स्नाा�, उपवाासं औ� पी� � पा�ी सं �� �है�ा,
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              तर्था इसं किसं� � ऊँप� �खुत है , छुठ घाा� �ी त�फ जाात हुए �ास्तु  े  लब संमुया त� पा�ी मु खुड़ीा हैं�ा, प्रसंा� औ� अध्य ��ा शीाकिमुल है।
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              मु प्राया  मुकिहैलाए छुठ �ा गीत गात हुया जााती है  ।  प�वााकित�, मुख्या उपासं� आमुतौ� प� मुकिहैलाए हैंती है हैालाकि�
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                                                                  बड़ीी संख्याा मु परू� भाी इसं उत्सावा �ा पाल� ��त है, क्यंंनेकि� छुठ
                                                                                                         ै
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                                                                  किलग-किवाकिशीष्ट् त्यंौहैा� �हैीं है। छुठ मुहैापवा � व्रत �ं स्त्ी, परू� बढ़ा  े
                                                                  जावाा� संभाी लंग ��त है। �छु भा� ��ी � कि��ा� त� �डप्रणामु
                                                                                                        े
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                                                                               ै
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                                                                             े
                                                                  � रूप मु जाात है । भाखि� औ� आध्यात्म सं परि�पण याहै  पवा बासं
                                                                                                                 ं
                                                                                             ु
                                                                         ू
                                                                                                             े
                                                                                                           ँ
                                                                  कि�किमुत संप, �ं��ी, किमुट्टी � बत� गड़ी, चावाल औ� गहूँ सं कि�किमुत
                                                                                                                  ि
                                                                                      े
                                                                                          ि
                                                                     ि
                                                                                                          े
                                                                  प्रसंा� लं� जाीवा� �ी भा�प� किमुठासं �ा प्रसंा� ��ता है ।
                                                                                      ू
                                                                                                           ै
                                               ू
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                                 े
              उषा अध्य - छुठ � चौर्थ कि�� उकि�यामुा� संया �ं अध्य कि�याा जााता
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                                                  ू
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                                                   ि
              है । संयाो�या सं पहैल व्रती लंग घाा� प� उगत संया�वा �ी पजाा हैत  ु
                                                              े
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                   ू
              पहुच जाात है । संध्या अध्य मु अकिपत प�वाा�ंं �ं �ए प�वाा�ंं सं  े
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                        ं
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              प्रकितस्थााकिपत  कि�याा  जााता  है  प�न्तु  ��मुल  फलाकि�  वाहैी  �हैत  है।
                 ि
                                                       े
                                                             ै
              किसंफ  व्रती  हैी  प�ब  �ी  ओं�  मुखु  ��  पा�ी  मु  खुड़ी  हैंत  है  वा
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              संयाोपासं�ा ��त है। पजाा-अच�ा संमुाप्तंप�ात घाा� �ा पजा� हैंता
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                                               ं
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