Page 75 - Sanidhya 2024
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सगी� मां �ाला केा माहीत्वा
                                                ं
                                              ै
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                               संगीत ईश्व� �ी उत्काष्ट् �ला�कित है। संतत प्रवााहैमुा�, पकिवा�,   पहैली  मुा�ा  प�  ठहै�ावा  �  संार्थ  �ं�  सं  े
                                                                                       ं
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              पावा�, सं�सं एवा संजा�ात्म�। संगीत �ी उत्पकित्त संकिष्ट् � संार्थ हैी हैं च�ी   आघाात  �ी जााती है याा यांं  �है बजााई  जााती
                                                ृ
                                                   े
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              र्थी। वास्तुत  प्र�कित  मु किछुप अभातपवा संौन्दयाात्म� तत्त् , मु�ष्य �ं स्वात   ः  है, किजासंसं याहै  आभाासं हैंता है कि� याहैा सं  े
                     ः
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              हैी अप�ी ओं� आ�कि�त ��त है ,औ� इसंी आ��ण � �ला �ं जान्म   ताल �ी शीरुआत हैं �हैी है। इसं आ�किभा�
                                                                                            ं
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              कि�याा।  मुहैा� किवाचा�� अ�स्तु � भाी �हैा है-      स्थाा� याा पहैली मुा�ा �ं संमु �हैत है। संमु
                                                                                           ं
                                                                                 ं
                                                                                           े
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                                ”प्रकासिंती काा अनसो�णी ही काला ह।”   �ं  संागीकित�  भाा�ा  मु    ‘X’  किचन्हो  �  द्वाा�ा
                                              ै
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                                                                                   ं
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                                लकिलत �लाओंं मु संवााकिधै� मुहैत्त् संगीत �ं हैी कि�याा गयाा है।   �शीात है। है� खुड � अतगत चा� मुा�ाओं   श्रीीमतीी नसिंलनी प्रभाा,
                                                                               ै
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              संगीत गाया� ,वाा�� एवा �त्यं इ� ती�ंं किवाधैाओंं �ी कि�वाणी  है, कि�न्तु ए�   �ा संमुावाशी हैंता है, किजा�� किलए संागीकित�  पत्नीी �ी संंजाया �ु मुा� किसंंहै,उप मुहैाकि��ीक्ष�
                                                       ै
                                                                                                    ग्रप �न्द् �रि�पबल, संबलप�
                                                                       ं
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                                                              ं
              संत्यं याहै भाी है कि� इ� ती�ंं किवाधैाओंं �ा संगीत � अतगत पा�स्परि�� संबधै   भाा�ा  मु  �ा  ,किधै�  ,किधै�  ,�ा  शीब्दींच्चोा�  सं  े  ु  े  े  ु  ं  ु
                                          ं
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                                                                       ै
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              भाी है। हैालाकि� प्रत्यं� �ा अप�ा कि�जाी अखिस्तुत्व भाी है। या ती�ंं �ला अप�ी   ��त है। संमु � कि�शीा� (X) �ं  पहैली
                                                                                               ू
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                                                                                                         ु
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              अप�ी संीमुाओंं मु स्वात� रूप सं किवा�किसंत भाी हुई औ� हैं भाी �हैी है। कि�न्तु  ु  मुा�ा � शीी� प� अकि�त कि�याा जााता है।  �सं� खुड �ी शीरूआत पाचवाी
                          ं
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              जाब या ती�ंं किवाधैाए संखिम्माकिलत हैं�� प्र�� हैंती है तं संगीत �ा चमुत्काा�   मुा�ा सं हैंगी किजासं� शीी� प� 2 अ� किलखुग।  अत  �सं� खुड �ं �शीा�  े
                                                    ं
                                                                          ं
                                                                                             े
                                                                                                               ं
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                                                                                               ं
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                                                                                       े
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                                                         ं
              अवाण�ीया रूप सं कि�खु��� प्रस्तुत हैंता है। संगीत �ी प्रस्तुकित मु ताल �ा   � किलए 2 अ� �ा कि�शीा�  �त है। पहैल खुड � संमुा� हैी �सं� खुड �ी
                                                      ु
                          े
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                                                                                       ँ
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                                                                                                   ि
              संहैयांग अत्यंत मुहैत्वपण है याा यांं �है कि� ताल � किब�ा � तं गाया�, वाा��   शीरूआत �ं �शीा� � किलया पाचवाीं मुा�ा � शीी� प� अ�-2 किलखुा जााता
                       ं
                                               े
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                                                                             ि
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              �ं पण रूप सं  �शीायाा जाा सं�ता है औ� � हैी �त्यं-�ला �ं आखिखु� क्यंं   है। इसं� अतगत भाी चा� मुा�ाओंं �ा संमुावाशी है। अर्थात पाचवाी, छुठी,
                                               ृ
                        े
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                                                                                                               ं
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                                                                                          े
                                                                                                         ं
              ?                                                                                                                                                तं   संातवाीं औ� आठवाीं मुा�ा त�। इसं भाी संागीकित� भाा�ा मु पहैल खुड �
                                                                                             ं
                                                              ं
              उत्त� है कि� ताल ए� आधैा� �ा कि�मुाण ��ता है, किजासं हैमु �ीवा �हैत है।   संामुा�  हैी  उच्चोा�ण  ��त  े  है :--
                                               ै
                                                   े
                                                             े
                   ै
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                               ि
              याहै  ए�  परि�किधै  �ा  कि�मुाण  ��ता  है  ै                                                    �ा,किधै� ,किधै� ,�ा। कि�न्तु  ु
                                   ृ
                                ं
              ,किजासं प� गाया�, वाा��  एवा  �त्यं ए�                                        �वाीं मुा�ा, जां’ ती�-ताल‘ �ा मुध्य
                                                                                                 ै
                                                                                                       े
                                                                                                            ँ
                                                                                                   े
                                                                                                             ु
              परि�क्रमुा  �ं  �ाल्पकि��  रूप  सं  े                                          स्थाा� है, � आ� प�, अगकिलयांं �ी
                                                                                                           ै
                  ू
              मुहैसंसं �� औ� आधैा� मुा��� �ला                                                चाल ब�ल �ी जााती है। याहै स्थाा�
                                                                                                                  ू
                                                                                                   ं
                                                                                                         ं
                                                                                                      ै
              �ा  संजा�ात्म�  प्र�शी�  ��  पात  है।                                          तीसं�ा खुड है एवा ए� मुहैत्वपण  ि
                             ि
                                     े
                  ृ
                                       ं
                                                                                                    ै
              जाब हैमु ताल �ी परि�चचा �� �है है तं                                           पड़ीावा  है,  �वाीं  मुा�ा  �ं
                                      ं
                                    ं
                               ि
                                                                                                                  ु
                                                                                                             े
                                                                                                          े
              याहै भाी जाा��ा आवाश्य� है �ी ताल �ं                                           प्रभाावा�ा�ी  त�ी�  सं  प्रस्तुत
                                ै
                                                                                                          ं
                                                                                                     ं
                  े
                 ि
              �शीा�  �  किलए  किजा�  ताल  वााद्यंं  �ा                                        ���ा अत्यंत �ंमुाच�ा�ी प्रतीत
                    े
                                                                                                   ै
                                                                                                          ं
                                 ं
                            ं
                ं
              किहै�स्तुा�ी शीास्त्ीया संगीत मु प्रयांग कि�याा                                 हैंता  है।  इसं  खुड  �ं  (मुध्य
                 ु
                                                                                                            े
                                                                                                              ं
                   ै
              जााता है ,उ�मु प्रमुखु वााद्य तबला, मु�गमु,                                     स्थाा�)’  खुाली  ‘�हैत  है।  जागहै
                                     ृ
                          ु
                       ं
                                      ं
              पग,  ढोंल�,  घा��मु  आकि�  है  ,किजा��                                          प�  अलग  औ�  धैीमुी  आवाा�
                                   ै
               ुं
                                         े
                                                                                                 े
                                         ै
              मुखु �ा आ�� प्राया  ��ं�ा�मुा हैंता है।                                         आ� प� याहै एहैसंासं हैं जााता
                                  ु
                           ः
               ु
                                                                                                ै
                                                                                                                 ु
                              े
                   ं
                                 ु
              अकिधै�ाशी  ताल  वााद्यंं  �  मुखु  प�  चमुड़ी  े                                  है कि� याहै मुध्य स्थाा� आ च�ा
                                                                                                        ं
                                                                                                ै
                                                                                                          ि
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                              ै
                                   े
                                     ं
              �ी  चा��  मुढ़ाी  जााती  है,  किजासं  संागीकित�                                  है,  इसं�  अतगत  किजा�  चा�
                                                                                                            े
                                                                                                               ै
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                      ू
                    ं
              भाा�ा  मु  पड़ीी    �हैत  है,  किजासं�  ऊँप�                                      मुा�ाओंं  �ा  संमुावाशी  है  ,�वाीं
                               ं
                             े
              गंला�ा�  �ाल �ग �ी स्योाहैी ब�ती है।                                             ,�संवाीं,  ग्या�वाीं  औ�  बा�हैवाीं;
                           ं
                         े
                                         ै
                                                                     ं
                                                                                      े
                                                                                                          े
                                                                                        ं
                                                                                                                  े
                      ु
                                     े
                     ँ
              उ� प� अगकिलयांं औ� हैर्थकिलयांं � आघाात   सं  े  ध्वकि�   उन्हो इसं प्र�ा� उच्चोा�ण ��त है - �ा, कित�, कित�,�ा। किलखुत संमुया �वाीं �
                                े
                                                                                                      ै
                                                                                         ं
                                                                     ि
                                                                          ू
                                                                                                                ं
                               े
              उत्पन्न �ी जााती है, किजासंसं ताल �ा कि�मुाण हैंता है।  शीी� प�’ शीन्य ‘(0) �ा कि�शीा� अकि�त कि�याा जााता है। चौर्था औ� अकितमु
                                               ै
                          ै
                                         ि
                                                                               े
                                                                   ं
                                                                                        ै
                                                                  खुड 13वाीं मुा�ा सं शीरू हैंती है। त�हैवाीं,चौ�हैवाीं ,पद्रहैवाीं औ�  संंलवाीं
                                                                                 ु
                                                                                          े
                                                                                                      ं
                       ै
               तीाल क्याा ह ?
                                                                                                                ि
                                                                                                      े
                                                                                       े
                                                                                             े
                                                                              ं
                                                                            े
                                                                                      े
                                                                                     ि
                                                          ै
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                             याहै ए� आधैा�भात प्रश्न है। संार्थ हैी इसं�ी परि�क्रमुा �सं हैंती   मुा�ा।इसं चौर्थ खुड �ं �शीा� � किलए त�हैवाीं मुा�ा � ऊँप� याा शीी� प�’
                                       ै
                                 ू
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                                                                                                     े
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                                                                                               ै
                                                                                                       ं
                                                                     ं
              है ? तं सं�ल भाा�ा मु �हैा जाा सं�ता है कि� किजासं  प्र�ा� हैमु संमुया �ं घा�,   3’अ� किलखुा जााता है। याकि� आप�ा प्रश्न है कि� चौर्थ खुड प� अ� 3 क्यंं
                                                               े
               ै
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                                                              ं
                                        ै
                                                                                                                ै
                       े
              किमु�� याा सं�ण्ड  मु किवाभााकिजात ��त है ,वा कि�खुाई �हैीं �त प� हैमु मुहैसंसं   किलखुा गयाा ,तं ऐसंा इसंकिलए क्यंकि� �वाीं मुा�ा जां खुाली �हैलाता है ,प�
                      े
                                                   े
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                                                                                   ै
                                                                                                                 े
                                                                                            े
                                                    ै
                  े
              ��त है। जासं सं�ण्ड �ी संई कि��-कि�� आवाा� ��ती है , उसं�ी आवाा�   ताली �हैीं बजाायाी जााती है इसंकिलए चौर्थ खुड �ं तीसं�ी ताली भाी �हैत है। ं
                   ं
                      ै
                       े
                         े
                                 ू
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               ं
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                                                               े
              ब� �� �ी जााए औ� उसं�ी चाल �ं हैमु अप� हैार्थंं द्वाा�ा अ�ा� ���
                                                        ं
                                                                                                    ं
                                                                                                    ृ
                                                                                                                  ि
                                                    े
              स्वात  आवाा� उत्पन्न�� �शीा� लग तं याहै ए� प्र�ा� सं ताल �ा कि�मुाण                          इसं प्र�ा� इ� संंलहै मुा�ाओंं �ी �खुला �ं ए� आवात�
                                 ि
                                                              ि
                 ः
                                   े
                                      ं
                                                                           े
                                                                                                            ि
                                                                                                                 े
                                                                      े
                                                                       ै
              हुआ याा�ी संमुा� अत�ाल प� ध्वकि� उत्त्पन्न ���ा ताल उत्पन्न ��� जासंा है  ै  �हैत है। इसं आधैा� मुा��� �ला�ा� अप�ी �ला �ा प्र�शी� ��त है  ं
                                                            ै
                                                          े
                           ं
                                                                                                                ं
                                                                                                ै
                                                                         ं
                                                                           ं
                                                          ं
                                                           ु
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                               े
              तं  आखिखु�  इसं�  कि�त�  आवात�  (कि�त�ी  बा�)  हैंं।  याहै  प्रश्न  किहै�स्तुा�ी   तर्था इसंमु बाधै �� अप�ी गकित तर्था अप�ी तयाा�ी द्वाा�ा �ंता �ा मु�ं�जा�
                                                                     े
                                                                                                                  ै
                                                                                               ु
                                                                       ं
                                                   ू
                                      ू
                          ं
                                         ै
                     ं
                                       ि
              शीास्त्ीया संगीत मु अत्यंकिधै� मुहैत्वपण है क्यंंनेकि� इन्होीं संक्षमु तथ्योंं प� ताल   ��त है। ताल �ी गकित �ला�ा� �ी इच्छा�संा� बढ़ााई याा घा�ाई जााती है।
                                                                                                  ै
              �ी रूप-�खुा �ा कि�मुाण हैंता है। ताल �ं संमुझे� � किलए मु  प्रायांकिग�   ताल �ला�ा� �ं आधैा� तं प्र�ा� ��ता हैी है संार्थ हैी �ला�ा� अप�ी
                                    ै
                                                 े
                              ि
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                                                        ं
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                                                                                  े
                                                                                              े
                                                                                             ै
                                                                                                         ि
                                                                       ै
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                                                              ं
                                                   ं
              रूप सं ती� ताल �ा उ�हैा�ण प्रस्तुत �� �हैी हूँ। इन्हो इसं प्र�ा� संमुझे।      गकित, तयाा�ी औ� ताल � संवााल-जावााब जासं चमुत्काा�ी प्र�शी� �� �ंताओंं
                                                                        ु
                                                                      ं
                                                                                               े
                                                                                                       े
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                                                                                         ं
                                                    ै
                                                       ं
              संंलहै बा� आघाात ��� प� ती� ताल �ा कि�मुाण हैंता है। संागीकित� भाा�ा   �ं मु�मुग्ध औ� प्रसंन्न �� पात है। ताल � संहैयांग सं गाया�,वाा�� औ�
                              े
                                             ि
                                                                   ृ
                                                                                                            ं
                                                                              ं
                                                                           ु
                  े
                                        ै
              मु प्रत्यं� आघाात �ं मुा�ा �हैा जााता है। इ� संंलहै मुा�ाओं �ं चा� खुण्डंं   �त्यं �ी प्रस्तुकित मु खुालीप� �हैीं �हैता बखिल्क ठहै�ावा औ� जाीवातता आती
               ं
                                                                            ं
                                                                                            ं
                                                                       ः
                                                                                        ं
                                                                   ै
              मु किवाभााकिजात कि�याा जााता है। प्रत्यं� खुड �ं बजाा� � किलए याा आघाात ���  े  है। अत  ताल संगीत �ा अकिभान्न अग एवा आधैा� है। ै
               ं
                               ं
                                       ं
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                                                े
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                                                     ै
              � किलए अगकिलयांं �ी  अलग चाल औ� अलग वाजा�  हैंता है। पहैल खुड �
                                                               े
                                                          े
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                                                            ं
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