Page 116 - Sanidhya_2024
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सातिनध्या
सोासिंनध्य �बा तीम्हेा�ा ह तीो �ीवान म उल्लाासो ह,
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नए सोपुन, नई मसिं�ल, नई उड़ानो काी आसो ह, ै
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हमा�ी प्रममयाी �गोलबादी काा नहीं काोई सोानी ह, ै
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दो कादम तीम्हेा� औ� दो म�, बासो इतीना ही प्रयाासो ह।।
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प्राकाहितका रूप स पदेाथ औरा ऊजीा काा बहिमसाल सयोग �ी जीीवाना काा मल /सारा � औरा जीीवाना काी
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अभीष्ट्ता प्राप्त �ोती � काछू ऐस साहिनाध्यों स, हिजीनाका साथ �ोना का ए�सास मा� स �ी �म पलहिकात �ो, सम्पण ऊजीा व
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एवा सामथ्यो का साथ हिनायोहिजीत लक्ष्ों काी प्रान्धिप्त कारा सका।
जीीवाना प्रवाा� का देौरााना उक्त साहिनाध्य हिफेरा �ा� खबसरात ब�पना काी यादेों म हिसमटेी, मा–बाप, देादेा–
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देादेी, नाानाा–नाानाी, �ा�ा–�ा�ी, मामा–मामी, बआ–फेफेा आहिदे काी �लका �ो या हिफेरा हिकाशुोराावास्थाा म भाई–ब�नाों
औरा सखी–स�हिलयों/ हिम�ों काा अल्हड़पना। बासिंबातीा कामा�ी
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पत्नीी – श्रीी प्रमोदे �ौ�राी, 2IC
जीवाानाी काी दे�लीजी परा राोम-राोम काो पलहिकात काराना वााल मासम प्रम काा ए�सास �ो या हिफेरा जीीवाना साथी सग 208 काोबराा, बालाघाटे, (मप्र.)
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हिमलकारा राोमा�का भहिवाष्य काी सपनाों औरा यथाथ स भराी या�ा....औरा नावा जीीवाना का सजीना काा अप्रहितम आनादे।
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प्रौढ़ावास्थाा म अपक्षााओंं औरा कातव्यों काी कााटेो भराी डोगरा �ो या हिफेरा वा�ावास्थाा काा शुाहित औरा सकाना भराा आन्धिखराी सफेरा।
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इस समस्त जीीवाना या�ा का देौरााना इना सभी काो आवाश्यकाता �ोती � अपनाों का साहिनाध्य काी ।
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�ालाहिका, सामान्य परिराकाल्पनाा स परा, जीब बात �ो पहिलस बलों म काायरात �मारा ब�ादेरा सरामाओंं औरा उनाका परिराजीनाों काी; तो
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साहिनाध्य का उक्त आयामों का हिवास्ताराीकाराण का साथ-साथ उन्हे नाए कालवारा म सजीोना औरा परिराभाहिर्षत काराना काी गभीरा आवाश्यकाता प्रतीत
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�ोती �।
इस �म म एका ओंरा �मारा जीाबाजी ज्यादेातरा समय अपना हिप्रयजीनाों स देरा रााष्ट् ी ीय सराक्षाा का ब�दे जीोन्धिखम भरा देाहियत्वों का हिनावा�ना
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म व्यस्त रा�त �, वा�ीं देसराी ओंरा हिकासी अना�ोनाी काी आशुकाा स परिरापण राोजीमराा का तनाावा औरा �नाौहितयों स यक्त वाातावाराण म बच्चोों काो
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पालती उनाकाी अ�ाहिगहिनाया इना देोनाो �ी पक्षाों काो ना कावाल आवाश्यकाता � दृढ़ सकान्धिल्पत मानाहिसका औरा आपसी साहिनाध्य काी, अहिपत ु
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काायस्थाल/हिनावाास-स्थाल म हिवाभागीय व्यवास्थाा का अतगत प्रदेाना हिकाए जीाना वााल व्यवा�ारिराका, सामाहिजीका एवा मनाोवाज्ञााहिनाका सबल काी भी। औरा
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इना सबस परा इस साहिनाध्य काी सवााहि�का आवाश्यकाता � �माराी उना वाीरा नाारिरायों औरा उना ब�ादेरा हिदेव्याग साहिथयों काो हिजीन्हेोंकिना कातव्य काी
बहिलवादेी परा अपनाा सवास्वी न्यौछूावारा काराना म भी काोई हि��हिका�ा�टे ना�ीं हिदेखाई।
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अत� वातमाना परिरादृश्य म �म एकाजीटे �ो अपना सभी ब�ादेरा साहिथयों औरा उनाका परिराजीनाों काो एका सवादेनाशुील बल, रााष्ट् ी , समाजी
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औरा व्यन्धिक्त काी �हिसयत स उनाका सामाहिजीका, आहिथका औरा मानाहिसका हिवाकाास का हिलए आ�ाराभत ढोा� तयारा काराना काी, हिजीसस वाो अपनाा आग े
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काा जीीवाना स्वीावालबना, सम्मााना एवा आत्महिनाभराता का साथ जीी सका।
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�ालाहिका इना सबका हिलए �म हिनारातरा प्रयत्नीशुील �, तथाहिप प्रयासों काी इस काड़ी काो औरा अहि�का सदृढ़ औरा हिवास्तारिरात हिकाए जीाना े
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काी आवाश्यकाता �।
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ती� सिंच�ागो अलगो ह , म� सिंच�ागो भाी काछो �दा,
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चलों अबा सोाथ सिंमलका� �ौशानी काो दोगोना का� द ||