Page 120 - Sanidhya_2024
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मातिहीलाा सशतिक्तकेराण
“ य� �ाय्यस्�ु पूज्यन्�े रमन्�े �� देर्�ा: |
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य�ै�ास्�ु � पूज्यन्�े संर्ा्यस्�कला: निरिया: ||”
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�म सब नााराी काो देवाी काा रूप मानात �, आत्महिवाश्वाास, अनाभवा एवा रा�नाात्मकाता स परिरापण, वाास्तहिवाकाता म य�ी
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एका महि�ला काी प��ाना �। पाराम्परिराका समाजी औरा �ारा देीवााराों तका सीहिमत रा�ना वााली नााराी आजी देशु काी रााष्ट् ी ीय
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आय म अपनाी म�त्वपण भहिमकाा हिनाभा रा�ी �। महि�लाए आहिथका समस्याओंं एवा हिनाजीी रूहि� का कााराण उद्यहिमता म ं
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प्रवाशु काराती � तथा उन्हे अपना देम परा आग बढ़ाती �। भारातीय महि�लाए, हिजीन्हे पजीनाीय तो मानाा जीाता � लहिकाना
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वा समाजी म सम्मााना काी भागीदेारा ना�ीं �। आई0आई0टेी0 , हिदेल्लीी द्वााराा हिकाए गए सवाक्षाण का अनासारा सयक्त रााज्य
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अमरिराकाा औरा कानााडोा म छूोटे व्यवासाय काा एका हित�ाई हि�स्सेा महि�लाए �। एहिशुयाई देशुों म काल कााय बल काा 40
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प्रहितशुत हि�स्सेा महि�लाओंं काा �। भारात म महि�लाए अपना परिरावाारा स बहुत भावानाात्मका रूप स जीड़ी हुई � औरा सिंसोपुाही/�ीडोी- अचना न�वारि�याा
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101 द्रीुत कााय बल
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घरा का कााम, बच्चोों एवा परिरावाारा का सदेस्यों काी देखभाल काराना म व्यस्त रा�ती �। ऐस म उनाका पास अपना हिलए काछू
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काराना काा समय �ी का�ा ब�ता �। देसराी समस्या य� � हिका �माराा समाजी परुर्ष प्र�ाना � तथा महि�लाओंं का साथ परुर्षों का समाना व्यवा�ारा
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ना�ीं हिकाया जीाता �। व्यवासाय म उनाका प्रवाशु का हिलए परिरावाारा प्रमख काी स्वीीकाहित काी आवाश्यकाता �ोती �। पाराम्परिराका रूप स उद्यहिमता काो
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परुर्षों काी हिनागराानाी म राखा जीाता �, जीो महि�लाओंं का हिवाकाास म बड़ी बा�ा �। महि�ला साक्षाराता काो लकारा आकाड़ बदेल रा� �। भारातीय
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समाजी म प्र�हिलत पराम्परााए औरा राीहित-रिरावााजी महि�लाओंं का हिवाकाास काो अवारु� कारात �। भारात म महि�लाए स्वीभावा स कामजीोरा, शुमीली
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औरा सौम्य �। ऐस म हिशुक्षाा, प्रहिशुक्षाण औरा हिवात्तीय स�ायता काा अभावा उनाकाी काायक्षामता म कामीं कारा देता � । हिफेरा भी इना काहिठानााइयों का
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बावाजीदे, उन्हेोंकिना वातमाना समाजी म अपनाी एका अलग प��ाना बनाा ली �।
माराी केहीानी
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“छूोटेी सी मराी का�ानाी �, �ारादेीवााराी म कादे ब�पना मराा,
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घघटे म छूपी जीवाानाी �।
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मायकाा � स्कुल मराा, ससरााल एक्जााम �ॉल � ।
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�ाड़, बतना, देोस्त � मरा, घरा सभालनाा मराा गोल �।
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घरा � आहिफेस मराा, रिराश्त मराी प��ाना �।
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समाजी काी ख़ुशुी का हिलए खदे काो हिकाया काबाना � । नहा वामा पुत्राी
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हिसपा�ी/ बाराबरा – सत्य नाारायण बनाकारा
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छूोटेी -सी मराी का�ानाी �, ै
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का�ानाी मराी, इस समाजी ना का�ा जीानाी � ?
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हिदेल म गम, औरा आखों म गम काा पानाी � ।
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छूोटेी सी मराी का�ानाी � ।।”
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