Page 80 - Sanidhya_2024
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छठ माहीापवाड
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छूठा लोका-आस्थाा काा पवा �, इस पवा काी मख्या हिवाशुर्षता इसकाी उ�ा अध्य - छूठा का �ौथ हिदेना उहिदेयमाना
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सादेगी वा पहिवा�ता �। इस म�ापवा का अनाष्ठाना बहुत �ी काहिठाना � सय काो अध्य हिदेया जीाता � । सयोदेय स े
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औरा काल 04 हिदेनाों काी अवाहि� म मनााए जीात �। प�ल व्रती लोग घाटे परा उगत सयदेवा
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छूठा पजीा �ारा हिदेवासीय उत्सुवा �:- काी पजीा �त पहु� जीात � । सध्या अध्य व
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म अहिपत पकावाानाों काो नाए पकावाानाों स े
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नहाया खाया - छूठा पवा काा प�ला हिदेना ‘‘ना�ाय-खाय’’ स प्राराभ �ोता प्रहितस्थााहिपत हिकाया जीाता � परान्तु कादेमल
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�, हिजीसम व्रती अपना नाजीदेीका म न्धिस्थात गगा नादेी, गगा काी स�ायका फेलाहिदे वा�ी रा�त �। हिसफे व्रती �ी पराब
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नादेी या तालाब म जीाकारा स्नााना कारात �। व्रती इस हिदेना नााखना आहिदे काी ओंरा मख कारा पानाी म खड़ �ोत � वा पत्नीी उहिना(म�ा) सनाील कामारा
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�स्मि� �ानी
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कााटेकारा वा बालों काो अच्छीी तरा� स �ोकारा स्नााना कारात � तथा लौटेत े सयोपासनाा कारात े �। पजीा-अ�नाा
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समय अपना साथ गगाजील/जील लकारा आत � हिजीसकाा उपयोग वा े समाप्तोपराात घाटे काा पजीना �ोता � तथा वा�ा उपन्धिस्थात लोगों म प्रसादे
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खानाा बनााना म कारात �। इस हिदेना व्रती हिसफे एका बारा �ी खानाा खात े हिवातराण काराका व्रती घरा आकारा अपना परिरावाारा आहिदे काो प्रसादे हिवातराण
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�। खाना म व्रती कादेदे काी सब्जाी, मग/�नाा देाल, �ावाल काा उपयोग कारात �। व्रती घरा आकारा शुराबत तथा प्रसादे खाकारा व्रत पण कारात � ै
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कारात �, जीब खानाा बना जीाता �, तो सवाप्रथम व्रती खानाा खात � ै हिजीस पाराण या परानाा का�त �। ै
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उसका बादे �ी परिरावाारा का अन्य सदेस्य खानाा खात �।
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ख�ना - छूठा पवा काा देसराा हिदेना हिजीस खरानाा या लो�डोा का नााम स े
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जीानाा जीाता �, इस हिदेना व्रती परा हिदेना उपवाास राखत �, इस हिदेना व्रती
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अन्नो तो देरा सयास्त स प�ल पानाी काी एका बदे तका ग्रु�ण ना�ीं कारात े
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�। शुाम काो �ावाल औरा गड़ काा प्रयोग कारा खीरा बनाायी जीाती �।
खानाा बनााना म नामका औरा �ीनाी काा प्रयोग पणतया वाहिजीत �। इन्हेीं
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देो �ीजीो काो पना� सयदेवा काो नावाद्य देकारा एकाात म रा�कारा ग्रु�ण
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कारात �।
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सोध्या अध्य - छूठा काा तीसराा हिदेना सध्या अध्य �। छूठा पजीा काा
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हिवाशुर्ष प्रसादे जीस ठाकाआ, �ावाल का लडोडो हिजीस का�वााहिनाया भी
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का�ा जीाता �, बनााय जीात �। छूठा पजीा का हिलए एका बास काी बनाी
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हुई टेोकाराी हिजीस देउराा का�त �, म पजीा का प्रसादे वा पा� तरा� का
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फेल इत्याहिदे डोालकारा पजीा अ�नाा कारात �। देउराा काो घरा का परूर्ष
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अपना �ाथों स उठााकारा छूठा घाटे परा ल जीात � ताहिका अपहिवा� ना �ो छूठा म�ापवा म पहिवा� स्नााना,
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तथा इस हिसरा का ऊपरा राखत � , छूठा घाटे काी तराफे जीात हुए राास्त े उपवाास औरा पीना का पानाी स देरा रा�नाा, लब समय तका पानाी म ं
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म प्राय� महि�लाए छूठा काा गीत गात हुय जीाती � ।
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खड़ा �ोनाा, प्रसादे औरा अध्य देनाा शुाहिमल �। परावााहितना, मख्या उपासका
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आमतौरा परा महि�लाए �ोती � �ालाहिका बड़ी सख्याा म परूर्ष भी इस
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उत्सुवा काा पालना कारात �, क्योोंहिका छूठा हिलग-हिवाहिशुष्ट् त्यौ�ारा ना�ीं �।
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छूठा म�ापवा का व्रत काो स्त्ी, परूर्ष बढ़ जीवााना सभी लोग कारात �। काछू
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भक्त नादेी का हिकानाारा तका देडोप्रणाम का रूप म जीात � । भन्धिक्त औरा
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आध्यात्म स परिरापण य� पवा बास हिनाहिमत सप, टेोकाराी, हिमट्टी का बतना
गड़, �ावाल औरा गहूँ स हिनाहिमत प्रसादे लोका जीीवाना काी
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भरापरा हिमठाास काा प्रसारा काराता � ।