Page 12 - Darshika 2020
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आत्मननभशर भारत
आर.कष्णदास, उपमहाननदर्क(इ)/ का.अ.
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ववश्व क े अततप्राचीन दर्ों में से भारत दर् भी एक ह। भारत वर्ष अनेक प्राचीन
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सस्क ृ ततयों, कलाचारों का उद्गमस्थल ह। िमष, संप्रदाय, जातत, भार्ा, रहन-सहन
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आहद में अनेकताऍ इस दर् की खाभसयत ह। ऐसी ववभभन्न परपराओं द्वारा
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हस्तांतररत हस्त कलाएं, क ृ वर् संबंिी व्यावहाररक आदत, घरलू व्यवसाय,
बागवानी, इत्याहद में भारत द घषकाल से आत्मतनभषर होता आ रहा ह। सब से
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पुरान आयुवहदक धचककत्सा प्रणाल भी इसी पुण्य-भूभम का ह दन ह। बौद्धिक,
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आध्याश्त्मक, वैज्ञातनक क्षेिों में भी भारत दर् का योगदान अववस्मरणीय रहा ह।
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कोरोना जैसी महामार क े समय में जब पूर ववश्व हाहाकार मचाते हए श्स्थतत
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को काबू में करने क े भलए लड़ रह थे, तब इतनी बड़ी आबाद वाल भारत दर् ने
समझदार से श्स्थतत को संभाला और मृत्यु से लोगों की जान बचायी।
लॉकडाउन लगाने क े कारण संक्रमण कम हआ और महामार तीव्रगतत से फलने
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की श्स्थतत स दर् को बचाया गया । परतु लॉकडाउन क कारण जो लोग अपन
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रोजगार या मज़दूर स वधचत रह गय उनक भलये सरकार न बहत सार
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योजनाएं लागू कर उनक पुनरुद्िार हतु सहायता की ह ।
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दर् को आधथषक संकट स बचाने क भलए प्रिानमंिी क आत्मतनभषर भारत
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अभभयान क अंतगषत 20 लाख करोड़ रुपय क राहत पैकज का ऐलान ककया
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गया । लोगों को अपना कामकाज र्ुऱू करन की सुवविा उपलब्ि कराई गई ।
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