े े े े े आर्ा करते ह कक इस नई भर्क्षा नीतत स दर् की भर्क्षा क्षेि म मूल पररवतषन दखन को भमलगा े ैं और ववद्याधथषयों का बहमुख ववकास होगा। जय हहंद। ु -------------------- 17