Page 19 - Darshika 2020
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सच कहन में मुश्श्कल होती है
े
मुश्श्कल झेलो पर सच बोलो
हमने अपन हदल की कह द
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तुम भी बोलो
हदल में जो है अपन वह भी बोलो
े
जो भी बोलो हदल की बात
तो सच ह बोलो
सच कहन में मुश्श्कल होती है
े
मेरा हदल ट ूट भी सकता है
मन को दुख हो सकता है
कफर भी अपन हदल की बोलो
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सच कहन में मुश्श्कल होती है
े
सच ह बोलो
मैं ह कब से बोल रहा ह ं ू
तुम भी बोलो
ं
मैं ह राज़ को कब तक खोलू
तुम भी खोलो
तुम भी बोलो
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