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हे भानव आऩ अऩनी जन्भ क े ऩश्चाि भात्र आऩ अऩने फाय भें एक ही फाि जानिे हैं कक आऩ की
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भृत्मु तम है इसक अरावा आऩ मह नहीॊ जानिे कक आऩक ऩास ककिना धन होगा मह नहीॊ जानिे
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कक आऩक ककिने सॊिान होंग आऩ मह बी नहीॊ जानिे कक आऩ सववगस कयग की बफजनेस कयग े
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मा ककसान फनग। आऩ मह बी नहीॊ जानिे कक आऩक ऩास ककिना भकान होगा ककिनी जभीन
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होगी। कहने का भतरफ मह है कक आऩ अऩने फाय भें एक ही अटर सत्म जानिे हैं जो कक आऩका
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भृत्मु ह। सफसे फड़ी फाि मह है कक भृत्मु कफ होगी मह बी तम नहीॊ ह।
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मह क्जॊदगी फहि फहभूल्म है इसे ऩयभ सुख की प्राक्प्ि कयिे हए जीना चाहहए। आऩ तमों दूसयों
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को कष्ट ऩहचाना चाहिे ह। आऩ तमों दूसय क े सुख को दख कय दुखी ह। आऩ तमों धन सॊग्रह क े
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क्रभ भें रोब रारच का प्रमोग कयिे हैं जफकक मह तम है कक आऩ मह धन अऩने साथ नहीॊ रकय
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जाएॊग। आऩ तमों गरत सॊस्काय एवॊ व्मवहाय क े कायण अऩनी इज्जि को दाॊव ऩय रगािे ह। तमा
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फेईभानी एवॊ भ्रष्टाचाय से कभामा हआ धन आऩको सिुक्ष्ट दिी ह। आऩ फहि फुविभान हैं फहि
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अच्छी फाि है ऩयिु फुविभिा का प्रमोग दूसय का उऩहास कयने एवॊ नीचा हदखाने भें तमों कयिे ह।
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सफसे फड़ी फाि कक आऩ जानिे हैं की तमा सही है एवॊ तमा गरत है इसक फावजूद आऩ
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तमों गरत ियीका ही अऩनािे ह। हे भानव! भैं कोई दािगतनक नहीॊ ह औय ना ही कोई नई फाि
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फिामा ह। फेहिय सभाज दि दुतनमा क े लरए भात्र आऩका ध्मान आक ृ ष्ट कयना चाहिा ह। महद
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आऩ अऩने आऩ को फेहिय इसान भानिे हैं िो आज प्रण रे कक दूसया भानव तमा जानवय को बी
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कष्ट नहीॊ ऩहॉचाऊगा। दूसय क े सुख भें खुिी का अहसास एवॊ दुख भें भन दुखी होगा। भैं धन की
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प्राक्प्ि क े लरए रोब रारच नहीॊ करूगा एवॊ भ्रष्टाचाय औय फेईभानी से कोसों दूय यहगा। भैं अऩने
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सॊस्काय एवॊ व्मवहाय से सभाज भें एक अच्छा भुकाभ फनाऊगा। आऩ अऩनी फुविभानी का उऩमोग
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दूसय का िकरीप दूय कयने एवॊ अच्छा यास्िा हदखाने क े लरए कयग। तफ िामद भृत्मु बी अऩने
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भृत्मुिमा सुखद भृत्मु को प्राप्ि कयगा।
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