Page 13 - CLass 9 Learning Outcome
P. 13

●  समस्त पद में ठनठहत समाज को
                                                                                 पह ानना

                                                                                                िं
                                                                                       िं
                                                                                                  िं
                                                                             ●  वाक्य सर ना से सबठधत ज्ञान में
                                                                                  ृ
                                                                                 वद्धि
                                                                                               ृ
                                                                             ●  आत्मठवश्वास में वद्धि
                                                                                                                                       ू
                                                                                                                               े
                                                                                                                                        थ
                                                                                    थ
                 थ
              अर् क े आधार पर                                                ●  अर् क े आधार पर वाक्य क े          ●  वाक्य क े भदोिं का पण ज्ञान
                                                                                                                                           थ
                                                                                                                                          ू
                                                                                                                                िं
                     े
                                                                                               िं
              वाक्य भद                                                           ठवठभन्न प्रकारोिं एव उनकी र ना      ●  वाक्य की सर ना का पण ज्ञान
                                                                                     ु
                                                                                                     िं
                                                                                 में प्रयि पदोिं का पद बधो का
                                                                                 ज्ञान
                                                                                     े
                                                                             ●  बोलन की क्षमता में ठनखार

                                                                                                    े
                                                                                                                           थ
                     थ
               उपसग/प्रत्यय                                                   ●  र नात्मकता क े ठलए प्रररत करना     ●  ताठकक दृठिकोण का ठवकास
                                                                                                                                           िं
                                                                                            िं
                                                                                                ु
                                                                                   ू
                                                                              ●  मल शब्द एव धात की पह ान            ●  ठवकठसत भाषायी शब्द भडार
                                                                                  करना
                                                                              ●  नए नए शब्दोिं का ज्ञान
                                                                                    िं
                                                                                         िं
                                                                              ●  ठ तन एव मनन पिठत को
                                                                                        थ
                                                                                  ठवद्ाठर्योिं में ठवकठसत करना

                                                                                                                                         ु
                                                                                               ु
                                                                                     िं
                  िं
                                                                                                                                          ू
               अलकार                                                          ●  अलकारोिं क े समठ त प्रयोग से       ●  काव्यात्मकता की अनभठत
                                                                                                       े
                                                                                  भाषा को प्रभावशाली बनान का        ●  रसास्वादन
                                                                                                                         िं
                                                                                                                                           ृ
                                                                                                                            थ
                                                                                  अभ्यास कराना                      ●  अतमन में भावोिं की जागठत
                                                                              ●  ठलद्धखत और मौद्धखक भाषा गत
                                                                                   ु
                                                                                            ृ
                                                                                  कशलता में वद्धि करना
                                                                              ●  काव्यात्मकता का ठवकास
                                                                              ●  भाषा क े भावात्मक पक्ष की समझ
                                                                                  ठवकठसत करना
                                                                                     िं
                                                                              ●  स्वय ही काव्य पढ़कर उसका अर्  थ
                                                                                                े
                                                                                        े
                                                                                  समझत हुए उसक काव्य की
                                                                                              िं
                                                                                  गहराई तक पहु ना
                     ु
                                                             ू
                                                                                                                                      ृ
                                                                                   ै
                                                                                            ृ
               पाठ्य पस्तक (ठक्षठतज     ●  प्रत्यास्मरण (बीती / भली बात को    ●  व ाररक समद्धि                      ●  गद्/पद् का ठवस्तत ज्ञान
                                                                                                 े
                                                                                   ु
                        िं
                          ू
                                                                                      े
                                                                                            े
                                                                                                       े
                                                                                                                         िं
               भाग 1)  एव परक               याद करना)                         ●  सनन, बोलन, पढ़न, ठलखन व            ●  ठहदी साठहत्य क े सफल कठवयोिं
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               पस्तक (कठतका भाग 1)      ●  अर् ग्रहण (भाव ग्रहण)                  समझन क े सार्-सार्                   और लखकोिं की र नाओिं, भाषा
                                                                                                                         ै
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                                        ●  लखक/ कठव क े मनोभावोिं को              आलो नात्मक दृठि का ठवकास             शली इत्याठद का ज्ञान
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