Page 15 - CLass 9 Learning Outcome
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सावल सपनोिं की याद ● ठहदी साठहत्य की 'डायरी ठवधा' का ● पयावरण, पश पठक्षयोिं क े प्रठत
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(जाठबर हुसन) ज्ञान सवदनाए जागत करना
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● वज्ञाठनक साठलम अली क े योगदानो
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से ठवद्ाठर्योिं को पररठ त कराना
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● जीवन का उद्दषॎय कवल धन अठजत
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करना ही नहीिं है, इस ठसिात से
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ठवद्ाठर्योिं को अवगत कराना
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प्रम द क े फट जत े ● महान लखक मशी प्रम द की
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(हररशकर परसाई) शादी व सहजीवन से ठवद्ाठर्योिं को
पररठ त कराना
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● मशी प्रम द क े आदश जीवन
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मल्ोिं व आधठनक पीढ़ी क े जीवन
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मल्ोिं में अतर व श्रष्ठता की समझ
ठवकठसत करना
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● 'सस्मरण' ठवधा का ज्ञान
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● व्यगात्मक शली की समझ
ठवकठसत करना
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साद्धखया/सबद ● ठहदी साठहत्य क े भद्धि काल की
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(कबीर दास) ठनगण/ ठनराकार भद्धि शाखा क े
प्रठत दृठिकोण का ठवकास
● महान कठव कबीर दास क े आदशों
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व नठतक मल्ोिं की समझ ठवकठसत
करना
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वाख ● कश्मीरी भाषा से अनठदत वाख
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(ललिय) ठनगण ब्रह्म की महत्ता एव आ रण
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की शिता पर बल दन का ज्ञान दत े
हैं
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● पथ्वी क े कण-कण में परमात्मा क े
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दशन
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● सवाठधक महत्वपण है =स्वय को
जानना