Page 173 - Udaan 2019-2021
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                                     लॉकडाउन:   क त क  लए वरदान

                                              अनु का  म ा, क ा -9/10


                                                                           े
                                                                                े
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             सुबह उठकर  यूज़ चलाओ तो कवल कोरोना वायरस क बढ़ते संकट क बार म  चचा  होती थी। इन खबर  को
             दख अंदर का  ख तथा भय बढ़ जाता था । कोरोना महामारी ने पूरे  व  म तबाही मचा द  थी। इसक            े

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             सं मण को कम करने क  लए लगभग सभी दश  म लॉकडाउन लागू था। इससे आ थ क  व ा को भारी
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             नुकसान  आ है। परंतु  जस  कार एक  स क क दो पहलू होते ह , जैसे हर काले बादल म एक चांद  क
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             परत होती है, उसी  कार इस लॉकडाउन से भी कछ लाभ  आ है।
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             स दय  से मानव ने  क त को अनेक  कार से    षत  कया है।  क त माँ अपने  ख-दद को अपने आंचल
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             म   समेट मदद क  लए पुकारती रही परंतु उसक  पुकार अनसुनी कर द  जाती है। जो पेड़  नः वाथ ता से
             जीने क  लए सब कछ दते है उ ही को मनु य  नदयता से मार दता है। वन  क न  तथा बड़ पैमाने पर  शकार
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             होने क कारण जानवर  क  आबाद  घट रही है।
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             परंतु अब जब मानव अपने घर  म  बंद ह ,तब  ख,  नराशा तथा गुलामी क  ओढ़नी खोल,  क त माँ  फर से
             अपना मु कराता चेहरा   नया को  दखा रही है। सड़क प रवहन क  कमी क कारण वायु   षण म घटाव

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             आया है। फ   याँ बंद थी इस लए जल और हवा दोन  साफ थी । जंगली जानवर भी कई जगह  नभ य
              वचरण कर रहे थे।



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             वे नस  म   लॉकडाउन  क  चलते  कनाल  म   एक  डॉ  फन  लगभग  साठ  साल   म  पहली  बार  नज़र  आयी  ।
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             अंटाक टका क ऊपर का ओज़ोन छद अब भर रहा है। ज़हरीली गैस  क उ सज न म कमी आई। भारत क                 े
                                                                                          े
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             कई जगह  म   हमालय पव त मु कराते नज़र आ रहे ह  मानो वष  से   नया को दखने क  लए उ सुक हो रहे
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             थे। न दयाँ साफ हो कर और हँसती  खल खलाती अपना सफर तय कर रही ह । वे प ी  जनक  आवाज़
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             तक सुनाई न दती, आकाश म  चहकते नज़र आ रहे ह । अतः इस लॉकडाउन ने  क त को आज़ाद कर  दया
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             है।
             कोरोना महामारी का यह मु  कल समय चला जाएगा।  शवमंगल  स ह 'सुमन' क  क वता 'चलना हमारा
             काम है' कहती है  क सुख -  ख जीवन क अंश ह  और  कावट  को पार कर जीवन क राह पर हम चलते

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             रहना है। हम सबको  मलकर कोरोना माहमारी से लड़ना है । आशा तथा आ म व ास हो तो हम अव य
             सफल होग । पर हम  यह याद रखना चा हए  क हमारे  कसी भी काय  से  क त का नुकसान न हो।
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