Page 21 - E-magazine_October-2021
P. 21
आया दशहरा...
े
जविय सत्य की हुई हमशा,
हारी सदा बराई ह,
ै
ु
ण
आया पव दशहरा कहता
करना सदा भलाई ह I
ै
ां
रावण था दभी अजभमानी,
े
उसन छल -बल जदखलाया,
ु
बीस भिा दस सीस
सब पररवार मरवाया I
अपनी ही करनी स लका
े
ां
सोन की िलवाई ह I
े
ै
मन म कोई कहीां बराई
ें
ु
ै
े
रावण िसी नहीां पल,
ु
द ू र हि बराई का अधरा
े
ँ
े
े
े
उजियार को नहीां छल /
जिसन भी अजभमान जकया ह,
ै
े
ुँ
उसन मह की खाई ह I
े
ै
आि सभी की यही सोच ह,
ै
मल -िोल खशहाली हो,
ु
े
अधकार जमि िाए सारा,
ां
घर घर म जदवाली हो.
ें
जमली बडाई सदा उसी को
ै
जिसन की अछॎछाई ह I
े
ण
े
NAME: आया सोबल
CLASS: 8G
21