Page 74 - केंद्रीय विद्यालय बड़ोपल ई- पत्रिका
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बूझो तो जानें




                                        खुसरो की पहभलयाँ
                                                                    े






                     1. फारसी बोल  आईना, तुकी सोच न पाईना




                  हहन्द  बोलते आरसी, आए मुँह देिे जो उसे बताए






                     2. बीसों का सर काट ललया ना मारा ना ख़ून ककया







                                       3. घूम घुमला लहँगा पहहन,
                                                       े
                                                                              े


                                          एक पाँव स रह िड़ी
                                                                े
                                                           े

                                       आठ हात हैं उस नार  क,
                                                                          े



                                        सूरत उसकी लग पर  ।
                                                                े


                                     सब कोई उसकी चाह कर ह,
                                                                         े
                                                                            ै


                                        मुसलमान हहन्दू छत्री ।




                                       िुसरो न यह कह  पहल ,
                                                   े
                                                                       े


                                                         े
                                      हदल में अपन सोच जर  ।






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