Page 5 - HINDU_SB25_Elijah
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जब नाले का पानी बर्षा ना होने के
           कारण सुख गया तब प्रभु के
           एलिय्याह से बात कि                                            मेरे लिए थोड़ा पानी ले आ कि पी
                                                                         सकूँ  साथ ही एक टुकड़ा रोटी भी।
                                सारपत को जा
                              वहाँ मैंने एक विधवा को
                              आज्ञा दी है कि तेरे लिए
                               भोजन का प्रदान करे।












                                                           परमेश्वर के जीवन की शपथ
                                                             े
                                                            मेर पास केवल एक मुठ्ठी भर
                                                          मैदा और कुप्पी में थोड़ सा तेल है।














                                                               मत डर। घर जा और
                                                              जैसा तूने कहा वैसा कर।



                                                                   लेकिन पहले मेरे लिए रोटी का एक
                                                                  छोटा टुकड़ा बना और मेरे पास ले आ
           मैं अपने लिए और मेरे बेटे के लिए                        और फिर तेरे लिए और तेरे  बेटे के
           खाना बनाने के लिए कुछ लकड़ियां                               लिए कुछ बना।
         इकठ्ठा करके घर जा रही हूँ  कि हम खाए
                और मर जाए।




                                                                 उसने एलिय्याह के कहे अनुसार किया और प्रतिदिन
                                                                   एलिय्याह और उसके परिवार के लिए खाना था
                         क्योंकि इस्राएल का
                         परमेश्वर ऐसा कहता है
                        जब तक यहोवा भूमि पर वर्षा
                       न बरसाए तब तक न तो उस घड़े
                        का मैदा समाप्त होगा और न
                        उस कुप्पी का तेल घटेगा।














                                                                                परमेश्वर के वचन
                                                                              को ध्यान में रखते हुए।
                                           राजा
                                            राजा                                            5 5
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