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लूत के दिनों में
भी ऐसा ही था
लोग खरीदते और बेचते
रोपते और बनाते थे
लेकिन जिस
दिन लूत वहां
से निकला
आग और गंधक स्वर्ग से बरसे
और सब कुछ नष्ट हो गया
लूत की पत्नी याद है
उन्हें छोड़ कर निकलने और पीछे मुड़कर
नहीं देखने के लिए कहा गया था लेकिन उसने
जैसा कहा गया था वैसा नहीं किया।
ऐसा ही मनुष्य
के पुत्र के दिन में
भी होगा।
यदि तुम उस
दिन छत पर या
खेत में हो
किसी भी
़
चीज के लिए अपने
घर में वापस न
जाना
उस दिन दो लोग
और वह नमक में बदल गयी । बिस्तर पर होंगे
और एक को उठा
यदि तुम अपने जीवन को लिया जाएगा।
थामे रहोगे तो तुम इसे खो दोगे। दो महिलाऐं एक
साथ चक्की पीस रही
अपने जीवन को खोने से होगी और एक को उठा
ही तुम उसे बचा सकते हैं। लिया जाएगा।
लेकिन उस दिन से पहले
मनुष्य के पुत्र को इस
पीढ़ी के हाथों पीड़ित
होना पड़ेगा।
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लुका