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कुछ भी हो तुमको
प्रार्थना करना
चाहिए और हार नहीं
मानना चाहिए। एक न्यायाधीश
की कल्पना कीजिए
जिसे परमेश्वर या
मनुष्य किसी की
परवाह नहीं थी
हर दिन एक महिला
उसके पास आती थी जो
उसके साथ अन्याय करने
वाले के खिलाफ न्याय की
माँग करती थी
अंत में उस न्यायी
ने उसका अनुरोध
स्वीकार कर लिया
क्युँ क्योंकि वह
सच्चा था नहीं लेकिन तुम परमेश्वर
क्योंकि उसने उसे से प्रार्थना करते हैं
परेशान कर दिया था जो सच्चा है और जो
तुमसे प्यार करता है।
चलो प्रार्थना की एक फरीसी और
बात करते हैं मेरे दोस्तों। एक चुंगी लेने वाला
एक बार प्रार्थना
करने के लिए मंदिर
गए।
फरीसी जोर से
इस तरह से प्रार्थना
कर रहा था
परमेश्वर धन्यवाद कि मैं पापी
लोगों की तरह नहीं हूँ मैं चोरों या
व्यभिचारियों या इस चुंगी लेने
वाले की तरह नहीं हूँ मैं सप्ताह में दो बार
उपवास करता हूँ और जो
भी कमाता हूँ उसका दसवा
अंश देता हूँ
मैं तुमसे कहता हूं जो
चुंगी लेने वाला ऊपर देखने में परमेश्वर के सामने कौन कोई अपने आप को नम्र
भी सक्षम नहीं सा आदमी धर्मी ठहरा करेगा वह ऊंचा किया
उसने प्रार्थना जाएगा।
किया
जो कोई भी
अपने आप को ऊंचा
उठाएगा वह दीन
किया जाएगा।
परमेश्वर मुझ
पापी पर दया करो ।
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लुका