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मेरी प�ी, वह चालाक थी।                            देखो मेरा मतलब
                     म� सोचता �ँ,                       क्या है?
                     ब�त चालाक।                          बस तुम्हारी जो
                                                         आवश्यकता है!












                                                     जब तक िक लोग न जान ल� िक उनका िदया �आ कर का धन इस�लए
                                                    उपयोग िकया गया था िक हम पाट� कर सक� तो वे इसे कभी भी मंजूर नह� कर�गे!

                 कुछ समय के �लए उन        वे मेरे िपता के कारण मुझसे     ि�य पित, म� तुमसे नफरत
                लोग� के बारे म� भूल जाओ,    नफरत करते ह�।                  नह� करती �ँ।
                                                       क्य�िक म� रोम को
                     हम्म्म?                                                      यिद तुम चाहो तो तुम यहाँ बैठ
                              वे लोग मुझसे              जवाब देता �ँ!               कर मचल सकते हो।
                              नफरत करते ह�!     क्य�िक म� उनकी धािमर्क             म� इस दावत का आनन्द
                                                रीित को नह� मानता �ँ!              लेने का इरादा रखता �ँ।
                                                         वे मुझसे इस�लए नफरत करते ह� क्य�िक
                                                         वे एक सच्चा राजा नह� पा सकते ह�।!






















       केवल एक कारण था िजसकी मुझे िचन्ता
                                                          म� उन चीज� को पसंद करता �ँ जो
         थी िक लोग क्या सोचते ह�।                           इस जीवन ने मुझे दी ह�।
      यिद लोग �सन्न ह� तो                                   और मेरे इस जीवन को समा� करने म� क े वल
                                                                 एक ही काम लगेगा...
       मेरा काम आसान था।
      यिद लोग अ�सन्न ह� तो मेरा                           एक नाच!
        काम आसान नह� था।
                                                           हाँ, हमारे �लए
                                                             नाचो!












                                और अ�सन्न लोग� का अथर् मेरे शासन का अंत।                   27 27
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