Page 27 - HINDI_SB45_Christ5
P. 27
अधीनस्थ शासक की कहानी
“उपहार”
म� जानता �ँ िक म� राजा
नह� �ँ। म� लगभग था।
मेरा िपता हेरोदेस क े मरने से पहले उसकी छह
अलग-अलग वसीयत� थ�।
कई िविभन्न बात� ने उसे उन वसीयत� को बदलने
के �लए मजबूर िकया।
बात� जैसे िक मेरे भाइय� का
राज�ोही बन जाना।
या मेरे िपता को जहर
देने का �यास करना।
या मेरे िपता का थोड़ा पागल
हो जाना।
नह�। ब�त अिधक पागल।
म� अब भी उसके िकए �ए कुछ काम� को नह� समझ पाता �ँ, जैसे
िक बैतलहम के उन सब बच्च� को मार डालना।
या अपने मरने के समय पर महत्वपूणर् य�दी नाग�रक� की
हत्या का आदेश देना, तािक लोग उसकी मृत्यु पर शोक कर�!
उनको मार डालने का आदेश माना नह� गया था, परन्तु तब भी—पागल।
इन सब बात� ने आज मुझे थका
िदया है! अब, मेरे पास से चले
जाओ!
25 25