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अधीनस्थ शासक की कहानी









                                                      “उपहार”










       म� जानता �ँ िक म� राजा
          नह� �ँ।                    म� लगभग था।
                                मेरा िपता हेरोदेस क े  मरने से पहले उसकी छह
                                       अलग-अलग वसीयत� थ�।
                                      कई िविभन्न बात� ने उसे उन वसीयत� को बदलने
                                            के �लए मजबूर िकया।




















         बात� जैसे िक मेरे भाइय� का
           राज�ोही बन जाना।
             या मेरे िपता को जहर
              देने का �यास करना।
        या मेरे िपता का थोड़ा पागल
             हो जाना।



                                                                              नह�। ब�त अिधक पागल।



       म� अब भी उसके िकए �ए कुछ काम� को नह� समझ पाता �ँ, जैसे
           िक बैतलहम के उन सब बच्च� को मार डालना।
         या अपने मरने के समय पर महत्वपूणर् य�दी नाग�रक� की
         हत्या का आदेश देना, तािक लोग उसकी मृत्यु पर शोक कर�!

       उनको मार डालने का आदेश माना नह� गया था, परन्तु तब भी—पागल।
                                                           इन सब बात� ने आज मुझे थका
                                                           िदया है! अब, मेरे पास से चले
                                                              जाओ!
                                                                                           25 25
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