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नासरत म�, यूसुफ न वह सब सामना
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करना जार� रखा जो उसक �लए कभी
अकल्पनीय था।
उसन सोचा �क उसक�
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योजना उत्तम थी।
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उसन उसको जीवन दान �दया
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और उस प्रभु क सामन धम� बन परन्तु यह गलत
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रहन �दया... क्य� प्रतीत हआ?
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प्रभु, मुझे
क्या करना यह घर
चा�हए? हमारा घर
होना था।
हमारा
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जीवन! वह इस इस
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तरह स कस े
बबार्द कर
सकती ह?
ै
यूसुफ?
मुझे क्या
करना
चा�हए?
मत्ती 1:19-20
मत्ती 1:19-20