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े
      क्य��क उनक �ववाह
      के  क ु छ ह� समय बाद,
      नाम �लखाई का समय
      आया, और सब लोग�
       े
                  े
      स नाम �लखवान क
                    े
                  े
         े
      �लय अपन-अपन
              े
                   े
      पैतृक घर म� जान क�
      माँग क� गई।                                                  और एक बार �फर स म�रयम
                                                                                   े
                                                                                  े
                                                                             े
                                                                   और यूसुफ न अपन आप को
                                                                   एक अप्रत्या�शत रास्ते पर चलते
                                                                   पाया।
                    े
            े
       परन्तु व दोन� परमश्वर                                        तुम इस
       म� अपना �वश्वास                     चलो चलते                 जनगणना म�
            े
       रखते थ, और उन्ह� यह   यूसुफ, म�     रहते ह�।                 �हस्सा लकर
                                                                         े
       �ात था �क यह       थोड़ी दर और                                हमार� भू�म पर
                               े
       परमश्वर का मागर् ह। ै  चल सकती ह ू ँ।  सभी अच्छ              कब्जा करन वाल�
          े
                                                                           े
                                                    े
                                             कमर �लए जा             का पालन क्य�
                                                े
                                                                    करते ह�?
                                             चुके  ह! ै
                                                  जाओ! घर
            शायद तू चल सकती ह,
                           ै
            परन्तु जब तुझे चलन क�                 जाओ!
                          े
            आवश्यकता नह�ं ह तो ऐसा
                        ै
            क्य� करना?
                                                                    रोमी साम्राज्य क लोग
                                                                             े
                                                                    हमार �लए क ु छ भी नह�ं
                                                                       े
                                                                    करते ह! सम्राट स्वयं को
                                                                        ै
                                                                       े
                                                                    परमश्वर कहता ह, परन्तु
                                                                              ै
                                                                       े
                                                                    हम कवल एक ह�
                                                                             े
                                                                       े
                                                                    परमश्वर क� सवा करते ह! ै
                                                                       �कसी को यह
                                                                       तथाक�थत राजा,
                                                                                   े
                                                                        े
                                                                       हरोदस को समझान क�
                                                                          े
                                                                       आवश्यकता ह! ै
                                                 हम बस पह ु ँचन वाल  े
                                                            े
                                                            े
                                                  ै
                                                 ह! बैतलहम! मरा
                                                 पैतृक घर! राजा दाऊद
                                                 का जन्मस्थान!
                             और इस बच्च का
                                       े
                                             े
                          जन्मस्थान भी। हम� रहन
                             े
                            क �लए स्थान चा�हए,   और शीघ्र।
                                 यूसुफ।
                                                हमार पास आज
                                                   े
                                                 रात एक गमर्
                                                 �बस्तर होगा
                                                 और हम कल
                                               हमार प�रवार को
                                                   े
                                                        ँ
                                                 �मल पाएग। े
                े
           और व एक साथ मागर्
           पर चलकर प्रसन्न थ। े
                                            का 2:1-5
                                           लूका 2:1-5
                                           लू
   8   9   10   11   12   13   14   15   16   17   18