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मेरी िवनती है िक तू मर पुत्र म� उसे तरे पास ँ े
म� उसे यहा अपन पास
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उनिसमस पर दया कर, िजसे वापस भेज रहा �ँ रखना चाहता था तािक तेरी
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म�न अपनी जंजीरों म� जकड़े जो मर िदल के ब�त
�ए प्रभु के िलए जीता था। करीब है। ओर से मेरी मदद कर सके
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- लिकन म� तेरी सहमित के
िबना ऐसा नहीं करना
चाहता था।
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वह पहल तर कु छ
काम का नहीं था -
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लिकन अब वह हम
दोनों के काम का
है।
शायद इसे इस तरह से सोच
- वह थोड़ी देर के िलए भाग
गया था तािक अब वह
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हमशा के िलए तर पास रहे
- दास के �प म� नहीं,
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ब�� इसस भी बढ़कर -
एक भाई की तरह।
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अब वह तर िलए भी ब�त मायन रखेगा, क् योंिक वह
न के वल दास है, परन तु मसीह म� तेरा भाई भी है।
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िफल ेेमोन 29 29
िफलमोन