Page 9 - HINDI_SB57_Letters1
P. 9
े
�ा तुम नहीं जानत िक जब िकसी ��� की मृ�ु हो
जाती है तो �वस्था का अिधकार नहीं रह जाता है?
जब एक �ी शादी करती है, तो वह अपन े
पित से तब तक बंधी रहती है जब तक िक
े
वह जीिवत रहता है – लिकन अगर वह मर
जाता है तो वह उसकी अधीनता म� बंधी
नहीं रहती है।
े
ु
त�ारा “पित,” य�दी �वस्था �आ करता था; लिकन तुम क्रू स पर मसीह के
साथ “मर गए” और अब “�वस्था के अधीन” नहीं रहे।
तुम िफर जी उठे जब मसीह जी उठा
और अब तुम एक नए मन� हो।
ु
�वस्था अ�ी है – सम�ा �वस्था के
े
े
ु
साथ नहीं है पर� मर साथ है -
ु
�ोंिक म� गलाम के समान पाप के
हाथ िबका �आ �ँ।
ु
म� सचमच वही करना चाहता �ँ जो उिचत है
े
�
- लिकन म� वही करता �ँ जो म नहीं करना
चाहता - िजन बातों से मुझे घृणा है।
े
मेरा नया जीवन मुझे भलाई करन के िलए �ोंिक म� िन�य जान गया �ँ, िक कोई भी व�ु हम�
े
े
े
ु
े
कहता है, लिकन मर अंदर का पराना �भाव उसक प्रेम से कभी अलग नहीं कर सकती।
अभी भी पाप करना पसंद करता है।
�
ु
ँ
ं
ँ
न मृ�ु, न जीवन, न �गदू त, न द�ा�ाए, न भय, न िचता, न ऊचाई या
ु
े
न ही गहराई, हम� हमार प्रभु यीश मसीह �ारा प्रदिश�त परमे�र के प्रेम
अब कोई द� की से अलग नही कर सकत। �
आ�ा नहीं �ोंिक
ु
े
यीश मसीह न मुझे
छु ड़ा िलया है।
रोिमयो 7-8
रोिमयो 7-8 7 7