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लिकन �ा होगा
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वह अपन ही पसीन और अगर यह यीश ... मृत
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हे र�ी गमलीएल, खून म� मरा। �ा तोरह नहीं है?
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महान िह�ल के नहीं कहती िक, “शािपत
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पोत। े है वे जो काठ पर लटकाए �ा हम ऊँ च �र से
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जात ह�”? पन��ान म� अपन िव�ास
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को �ीकार करत ह�, यह
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सोचत �ए िक कोई भी
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मन� मतकों म� से जी नहीं
उठ सकता?
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म�न पाँच वष �
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तक तर चरणों म�
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बठकर िश�ा ली
है।
तुमने ही मुझे
िसखाया है िक तोरह
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ही माग, स�, जीवन
है। िफर भी हम दोनों न गलीली हमार कई लोग, और यहा ँ
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को यह कहत �ए सुना है िक, तक िक हमार कु छ अगुवे,
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“म� ही माग, स� और जीवन एक मरे �ए ��� का
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�ँ; िबना मर �ारा िपता के पास अनसरण करन के िलए हम�
कोई भी नहीं जा सकता।” �ाग रहे ह�!
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बाह! पहली �स्थित म� तो वह कहा है? उसक
वह कभी नहीं मरा। शरीर का �ा �आ?
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उसक चेलों
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न चुरा िलया!
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तमको लगता है िक उन
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कमजोर कायरों न सश� रोम
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के िसपािहयों पर काब पा
िलया और उस प�र को हटा
िदया होगा?
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मिदर के र�क �ारा चेलों
के घरों और ग्रामीण
इलाकों म� तोड़फोड़ की
गई। कभी कोई शव नहीं
पाया गया!
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म�न यह पहल भी
कई बार सुना है! म�
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इसे िफर से सनना
नहीं चाहता �ँ!
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