Page 21 - HINDI_SB56_Acts4
P. 21

म� नासरत के  यीश  ु
                    ु
              ...यह पौलस है,                                         का शत्रु था...
                    े
               िजसे वे प्र�रत
                   े
                कहत ह�।
                                                                   क्रोध म� आकर म�न  े
                                                                          ु
                                                                       े
                                                                    उसक अनयािययों
                                                                      को सताया….
                                       े
                                         े
                                   राजा हरोदस, म� �यं को
                                   ब�त भा�शाली मानता �ँ
                                            े
                                        े
                                       े
                                  िक म� तर सामन अपना प�
                                          ूँ
                                        रखगा।
                                       �ोंिक तू य�दी
                                      रीित-�रवाजों और
                                         �
                                            ं
                                       धमिस�ातों से
                                        प�रिचत ह�।
                                                                                 े
                                                                                ु
                                                                                          े
                                                                           तब यीश न मुझे यह कहत �ए
                                                                           दश�न िदया, “म� तुझे उनकी
                                                                                  े
                                                                              �
                                                                           आँख खोलन के  िलए भेज रहा
                                                                                   �ँ…
                                                                                  तािक वे पापों से
                                                                                  ु
                                                                                 छटकारा पा सक� ।”
                                                                            इसिलए, हे राजा अिग्र�ा,
                                                                                े
                                                                              म� न �ग�य दश�न की
                                                                               आ�ा नहीं टाली,
                                                                           म� कहता �ँ िक सभी को
                                                                          प�ाताप करना चािहए और
                                                                              े
                                                                           परम�र की ओर िफरना
                                                                                चािहए।




                                        इसी कारण से, वे
                                                 े
                                       मुझे मार डालन की
                                                े
                                        कोिशश करत ह�।
         ु
      पौलस, तू पागल  ब�त अिधक
                      े
        हो गया है!  िश�ा न तुझे
                 पागल कर िदया
                     है!                                               नहीं, म� स�ाई और
                                                                       समझदारी की बात  �
                                                                          कहता �ँ।
                                                                            राजा अिग्र�ा इन
                                                                            बातों के  िवषय म�
                                                                              जानता है।












                                         प्र�रतों के  काम 26:2-27                          19 19
                                          े प्रे�रतों के  काम 26:2-27
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