Page 22 - HINDI_SB56_Acts4
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              े
       पौलस, इतन कम
      समय म� �ा तू मुझे
             े
      मसीही होन के  िलए
       राजी करना चाहता
           है?






                                                े
                                             चाह थोड़ा हो या
                                              ब�त, म� के वल
                                               तुझे ही नहीं
                                             ब�� मुझे सुनन  े
                                                 े
                                              वाल सभी को
                                                                                ै
                                               चाहता �ँ...                    ...जसा म� �ँ वैसे
                                                                               हो जाएँ —इन
                                                                                ं
                                                                               जजीरों को
                                                                                छोड़कर।
                         े
                   यिद उसन कै सर
                                                 े
                   की दोहाई नहीं दी   यूिलयुस नाम का एक सनापित पौलस और अ�
                                                        ु
                                                           े
                                                   े
                     होती, तो वह    किदयों को रोम जाने वाल जहाज पर ल गया।
                                     ै
                   �तंत्र हो सकता
                       था।











                                                                         े
                                                                                        ु�
                                                                               े
                                                                       ु
                                                                  े
                                                                म�न िथ�लनीक के  हमार भाई अ�र�खस
                                                                के  साथ एक अ�ी यात्रा का अनभव िकया।
                                                                                   ु
               ु
       यूिलयुस पौलस के  प्रित      हम कस�रया से पाल खोलकर सीदोन
                                      ै
            ृ
               ु
           कपाल था...              को गए, और िफर तेज हवा म� कु प्रस
                                                       ु
                                                    ू
                                    के  पास से पाल खोलकर मरा को
                                            आए।
                                                                        हम जहां भी कर
                                                                          े
                                                                       सकत थे, हम� समुद्र
                                                                       तटों को गले लगाना
                                                                           पड़ा।


            ...उसे जहाज म� �तंत्र �प से
                        ु
                   े
                े
             उठन-बैठन की अनमित दी।


     20 20                              प्र�रतों के  काम 26:28-27:5
                                         े प्रे�रतों के  काम 26:28-27:5
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