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छारौं को संबोधन










           वप्रय ववद्यार्र्ायौं,



           समस्त्त छार एवं छाराओं को मरा शुभ आशीर्,
                                                  े


           हमार ववद्यालय की वावर्ाक पत्ररका आरोहण का अवतरण होने जा रहा है,
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           जैसा नाम में सबोधन है आरोहण उसी प्रकार से आपक आचरण ,चररर एवं
           स्त्वत: स्रजन का आरोहण होना चाहहए| आप सभी स्त्वत:, स्रजन क े योग्य
           पार हैं तर्ा समाज को अपनी प्रततभा से आरोहण प्रदान करेंग ऐसी मेरी
                                                                                              े
           कामना है| ववद्यालय क े सगठन में हमारी प्रधानाचाया जी का अर्क प्रयास
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           एवं सदव उन्नतत का मर्न होता रहता है जजसमें आप लोग समय समय पर
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           अपनी भागीदारी सुतनजश्चत कर ववद्यालय को अर्ग्रम पंजक्त में आरोहहत
           करें , आज समय स्त्वत: स्रजन का है जो अब ववलुप्त प्राय हो गया है हमार                            े
           प्राचीन काल का स्त्वत: ज्ञान अवणानीय, अकल्पनीय एवं अतुलनीय रहा है जो

           एक व्यवस्त्र्ा क े माध्यम से पूणा होता र्ा आज वह अवसर आप लोगौं को

           पुन:प्रशासतनक व्यवस्त्र्ा क े तहत समल रहा है अतुःआप प्रयास कर पूवा गौरव
           को पुन:गौरवाजन्वत करें ऐसी मरी कामना है आप आने वाल समय में सभी
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           उच्च पद प्राप्त कर ववद्यालय को गौरवाजन्वत करें आप गुरु सशष्य परपरा
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           को तनभाते हए एक कताव्यतनष्ठ ईमानदार कमाठ उत्साही प्रफ ु जल्लत जीवन
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           का आचरण धारण कर समाज को आरोहण प्रदान करें आपक सतत प्रयासौं
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           में समस्त्त ववद्यालय पररवार आपक सपनौं को आकार प्रकार एवं पंखौं का
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           तनमााण करने क े सलए तनरतर प्रयासरत रहगा एवं आपक स्त्वस्त्र् मन ववचार
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           एवं आचरण का सदव प्रार्ी रहगा, आपक द्वारा प्राप्त समाज उन्मुख सशक्षा
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           का हमेशा भागीदार बनेगा आपक माध्यम से हम एक बार पुन: गौरवशाली
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           इततहास का वणान करेंग           े
           सभी को पुन: एक बार प्रम एवं शुभाशीर्
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           DIWAKAR PATHAK

           LECTURE  POL. SCIENCE








                     Focus on doing the right things instead of a bunch of things.
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