Page 11 - FINAL EBSB MAGAZINE
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                                                                                                    izfrKk




                                                                     हम, भारत क लोग,
                                                                           े

                                              भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न
                                                              समाजवादी


                                                              ं
                                                                                            े
                                          पंथननरपेक्ष लोकतत्रात्मक गर्राज्य, बनाने क
                                              ललए,  तथा उसक समस्त नागररकों कोोः
                                                                े
                                            सामाजजक, आर्थणक और राजनैनतक न्याय,

                                                                ववचार,

                                            अलभव्यजतत, ववश्वास, धमण और उपासना की

                                         स्वतत्रता, प्रनतष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त
                                              ं
                                                  कराने क ललए, तथा उन सब में,
                                                           े
                                           व्यजतत की गररमा और राष्र की एकता और

                                                                       े
                                         अखण्डता, सुननजश्चत करन वाली बन्धुता बढान
                                                                                              े
                                           े
                                          क ललए दृढसंकल्प होकर अपनी संववधान सभा
                                           में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ईलमनत             ( .

                                            मागणशीलण शुतल सप्तमी, संवत दो हजार छह

                                         ववक्रमीको एतधवारा सस संववधान को           ) अगीक ृ त,
                                                                                       ं
                                              अर्धननयलमत और आत्मावपणत करते हैं।
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