Page 12 - FINAL EBSB MAGAZINE
P. 12

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                                                                                       Js"B Hkkjr





                                                           एक भारत श्रष्ठ भारत हम इसे बनाएं ..
                                                                        े
                                                              चलो ममलजुल कर सब इस सजाए।
                                                                                        े
                                                                                               ं

                                                                इस धरती से उस अम्बर तक,

                                                                  दुतनया क पहल नंबर तक,
                                                                                 े
                                                                           े
                                                               सोचे कसे इसको हम,  आग लाएं
                                                                                         े
                                                                      ै
                                                             चलो ममलजुल कर, सब इसे सजाएं ।

                                                           एक भारत, श्रष्ठ भारत,  हम इसे बनाएं ..
                                                                        े
                                                             चलो ममलजुल, कर सब इसे सजाए ।

                                                                 दुतनया जीत आए यहा तक ,
                                                                                      िँ
                                                                 पहचेग हम दहममशखर तक ,
                                                                    ं
                                                                       े
                                                                    ु
                                                              सोचे कसे उस ऊचाई म, हम जाएं,
                                                                     ै
                                                                                     ें
                                                             चलो ममलजुल, कर सब इसे सजाएं ।

                                                           एक भारत, श्रष्ठ भारत, हम इसे बनाएं ..
                                                                        े
                                                             चलो ममलजुल, कर सब इसे सजाए ।


                                                                  आदशो म जाएं, राम तक..
                                                                           ें
                                                                   प्रीत म जाएं, श्याम तक।
                                                                          ें
                                                               सोचे कसे उस यश को हम पाएं..
                                                                      ै
                                                             चलो ममलजुल कर, सब इसे सजाएं ।


                                                           एक भारत, श्रष्ठ भारत, हम इसे बनाएं ..
                                                                        े
                                                             चलो ममलजुल कर सब इस सजाए ।
                                                                                       े
                                                                                              ं
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