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“चौथ �गदू त न अपना कटोरा सूय� के ऊपर उंडल
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िदया, और सूय� को अपनी प्रच� �ाला से मन�ों को
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झुलसान की श�� दी गई।”
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“तब मन� आग म� भयकर रीित से
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जल गए, और परम�र के नाम की
िन�ा की, िजसे इन �ेशों पर
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अिधकार था; पर� उ�ोंन न तो मन
िफराया और न उसकी मिहमा की।”
[1]
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म� परम�र के नाम को
िध�ारता �ँ, यिद वा�व म�
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वह प्रकित के इन अजीबोगरीब
कामों को िनयित्रत करता है।
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लिकन तुम तो कहत थे िक कोई
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परम�र नहीं है - िक हम सब
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प्रकित के हादस थे और प्रकित
ही सब कु छ है।
यह ब�त अलग है -
यह अलौिकक है!
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[1] आ�यजनक �प से,
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भयकर त्रासदी पर त्रासदी
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के बीच, सावजािनक
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आबादी अपनी द�ता और
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पापों से प�ाताप करन से
इ�ार कर देती है।
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प्रकािशतवा� 16:8-9
प्रकािशतवा� 16:8-9