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“तब म� न उस अजगर के मुह से, और
उस पशु के मुँह से, और उस झूठे
भिव���ा के मुँह से म�ढक के समान
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तीन द�ा�ाओं को आते �ए दखा।
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�ोंिक वे िच� िदखानवाली द�ा�ाए ह�।
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वे सवश��मान परम�र के उस महान
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िदन की लड़ाई के िलय उ�� इक�ा करन े
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के िलय सार जगत के राजाओं के पास
जाती ह�।”
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“छठे �गदू त न अपना कटोरा फरात महानद पर
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उंडल िदया, और उसका जल सूख गया िक पूव� के
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राजाओं के िलय माग तयार हो।” [1]
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देखो, म चोर के समान आता
�ँ! �ा ही ध� है वह, जो
जागता रहता है, और अपन े
व� की चौकसी करता है,
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तािक नगा न िफरे और न ही
उघाड़ापन िदख। े
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[1] सूखे और �ाय के कारण पहल से ही इसक
प्रवाह म� कमी के साथ, महान नदी फरात पूरी
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तरह से शु� हो जाती है - आन वाल पूव� े
संगठन के राजाओं और सेना को प�ँच प्रदान “तब उ�ोंन राजाओं को उस स्थान पर इक�ा
करन के िलए। िकया जो इब्रानी म� हर-मिगदोन कहलाता है।” [2]
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[2] पृ�ी पर छोड़ी गई सारी सनाए य�शलम के उ�र म� लगभग 60
मील की दू री पर �स्थत मिग�ो के मदानों म� एकित्रत होंगी। प्रकािशतवा�
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प्रकािशतवा� 16:12-16 16:12-16
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