Page 44 - Sanidhya 2024
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ग्वाानिलयो� दाुग
                                                                     थ
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                         ं
        भाा�त  �  इकितहैास  मु  ग्वााकिलया�  �ा  इकितहैास  गीौ�वाशाली  औ�   पत्था�  स  किनकिमुत,  आ���  गीरू  �गी  �ा
                                                                        ै
                                                                   े
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        ऐकितहैाकिस� रूप स मुहैत्वपण �हैा है। ग्वााकिलया� �ा कि�ला अभाद हैंन  े  किदखाई  दता  है।  इस�ी  �ल  लम्बाई  ३
                                                                                            े
                                                                        ं
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        � �ा�ण इस�ा दस�ा नामु किजाब्रााल्ट� ऑफ़ इकिडोयाा पड़ीा। ग्वााकिलया�   कि�लंमुीटी�  एवा  चौड़ीाई  १  कि�लंमुीटी�  �
                                                                           ि
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                                             ं
        मु.प्र. �ाज्य �ी �ाजाधैानी भांपाल स उत्त� किदशा मु 430 कि�मुी. �ी   लगीभागी है।  याहै दगी लगीभागी 100 मुीटी� �ी
                                  े
                                                                           ै
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        द�ी  प�  ल्किस्थात  है।  स�  सम्रााटी  तानसन  �ी  नगी�ी  मु  स�ंं  �  साथा   ऊँचाई  प�  ल्किस्थात  है।  ग्वााकिलया�  �ी  प्रमुख
                     ै
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                                                                                      े
                                  ै
        मुनं�मु दृश्य भाी दखन �ं किमुलत है। पद्रोहैवाी सदी त� ग्वााकिलया� �ा   पहैचान इस� दगी स है। दगी पहुचन  � तीन
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        सगीीत इतना अकिधै� प्रकिसद्धा हैं च�ा थाा कि�,       मुागी है।                          श्रीीमती सा�ीता नि�गम,
                                                                                                     ु
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                                                            ¾   प्रथामु द्वाा� – बादलगीढ़ा  द्वाा�  पत्नीी  �ी �ाजा �मुा� किनगीमु, DIG
                                                                                                   ू
               “ग्वाानिलयो� की ता� औ� मल्ताा� की कमा�”                                           समुहै �द्रो ग्वााकिलया�
                                                                                                     ं
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                                                            ¾   किद्वातीया द्वाा� - हैकिथायाा पौ� द्वाा�
        जासी लं�ं�ंल्कि�याा लंगींं �ी जाबान प� चढ़ा गीई थाी, याहै वाहै ज़मुाना   ¾   ततीया द्वाा�- ढोंडोापौ� द्वाा� (प्रवाश  वाकिजात)
          ै
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        थाा जाब ग्वााकिलया� दगी � �ाजाा मुान किसहै कि� ए� �ला�किस� था,   ¾   अन्य द्वाा�– लहैंड़ीी द्वाा� (पहुच मुागी तगी गीकिलयांं अत्यंत �किठान �
                                      ं
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                                                                                                            े
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        सगीीत सभाा ग्वााकिलया� दगी प� प�ी आन-बान-शान � साथा सजाात था।   �ा�ण)
                               ू
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        ग्वााकिलया� दगी प� हैंन वााली  इसी सगीीत सभाा � दौ�ान गीायान �ी
                 ं
                    ु
        किवाश�  �ला  “ध्रुपद”  �ा  जान्मु  हुआ  थाा।  ग्वााकिलया�  अपनी  समुद्वा
           े
                                                        ृ
        सास्ककित� किवा�ासत � किलए हैमुशा जााना जााता �हैा। हैमु मुंहैना
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                                                    ं
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        सल्ताानगीढ़ा एवा पहैाडोगीढ़ा पवाायाा (पवा मु पद्माावाती) � शलकिच�ंं स  े
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        ज्ञाात याहै हैंता है कि� भाा�त � सवााकिधै� प्राचीन �गीमुच  ‘पद्माावाती’
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        (जां कि� अब पवाायाा है मु ल्किस्तंथा है) � मुहैान �चकियाता भावाभाकित �ी
          ं
            ृ
        सस्कत  नाटी�  “मुालवाी-मुाधैवा”  औ�  “उत्त�  �ामुचरि�त”  �ा  मुचन
                                                       ं
        कि�याा जााता �हैा हैंगीा।
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                                        े
        भाा�त � आकिद ग्रीन्थ मुहैाभाा�त स भाी इस क्षे� �ा उल्लीख प्राप्त हैंता
                                                े
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        है। स� वाश � शासन�ाल मु ग्वााकिलया� �ं भाा�त �ी �ाजाधैानी �हैन  े
               ं
            ु
        �ा गीौ�वा प्राप्त हुआ थाा।                          (2) ग��ी महल- बादलगीढ़ा  द्वाा� स प्रवाश ��न � बाद दायाी ओं�
                                                                                         े
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                                                                                                 ं
                                                                                     े
                                                                             े
                                                            ए� किवाशालद्वाा� स प्रवाश ��न � प�ात  तीन मुकिजाला मुहैल सन  ्
                                                                  ं
                                                                                   ं
                                                            1512  मु  तंमु�  शास�  मुानकिसहै  द्वाा�ा  अपनी  प्रयासी  गीजा�ी  �ानी
                                                                                                े
                                                                                                      ु
                                                                    े
                                                             ृ
                                                            मुगीनयानी � किलए बनवाायाा गीयाा थाा।
                  े
                             े
                      े
        ग्वााकिलया� हैमुशा स हैी अपन गीौ�वाशाली इकितहैास �ं �हैता हुआ,
        अपन  शानदा�  कि�लंं  औ�  मुहैलंं  �ं  दशाता  हुआ,  पयाटी�ंं  �ं
                                                   ि
            े
                                         ि
                       ि
        अपनी ओं� आ�कि�त  ��ता �हैा है। ै
                                                                                                     े
                                                                                      ँ
                                                                                               �
                                                                                          ै
                                                                    ु
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                            थ
        ग्वाानिलयो� क प्रमख दाशु�ीयो स्थल ः                 (3) �� गफाा सामह- 12 फीटी ऊँची जान तीथा��� नमुीनाथा �ी
                  े
                                                            खड़ीगीासन  प्रकितमुा, 10 उधैली गीफाऐं, जान तीथा�� �ी पदमुासन एवा  ं
                                                                                         ै
                                                                                   ु
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        (1) ग्वाानिलयो� का निकला- याहै कि�ला किवाशाल चट्टान प� ल्किस्थात बलआ
                                                       ु
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