Page 49 - Sanidhya 2024
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गीौ�ी�ण्ड पहुचन � बाद रुद्रो न उसी टीीन शडो � नीच औ� �हैा ‘भा�वाी‘ आजा स तमु मु� साथा हैं। रुद्रो � चहै� प� खशी औ�
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बस�ा कि�याा। �ाकि� �ा पहै� थाा औ� चा�ंं त�फ शाकित थाी। नींद मु सासंं आखंं मु आस था उसन स्नाहै स भा�वाी �ा किस� सहैलायाा। श्वाान सबस े
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वा �छु� ख�ाटींं � बीच है�ी सी स�-स�ान �ी आवााजा आ �हैी थाी। वाफादा� हैंत है। मुादा श्वाान भा�वाी स रुद्रो �ं लगीावा हैं गीयाा। जाब सब
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सभाी था�-मुाद किनद्रोा � आगींश मु बसधै सं �है था। भा�वाी भाी रुद्रो � अपन छुटी जााया तं पालत जाानवा� अ�लापन वा अलगीावा �ं द� ��त े
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साथा �म्बल मु आ�� चप� स किचप�ी हुई थाी। अचान� उस�ी है। किजानमु �ंई छुल-प्रपच �ी भाावाना नहैींं हैंती।
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इल्किन्द्याा सकिक्रया हुईं। उस�ी आख खल गीई। �छु हैी पल मु वां अल्किस्था� अगीली सबहै रुद्रो भा�वाी �ं ल�� संनप्रयाागी आयाा। उसन े
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हैं गीई। इधै�-उधै� शात �दमु औ� चौ�स किनगीाहैंं स दखन � बाद वाहैा अपनी साईकि�ल � पीछु भा�वाी � बठान �ी जागीहै बनवााई। उसमु ं
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आवााजा ��न लगीी। सभाी गीहै�ी नींद मु था। भा�वाी �ी आवााजा स अघां�ी गीद्देी लगीाई औ� भा�वाी �ं उसमु किबठाा किदयाा। तभाी ए� पकिलस वााला
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�ी आख खलीं। उसन भा�वाी �ं डोाटी �� चप ��ान �ी च�ा �ी आयाा औ� बंला ‘अ� या साईकि�ल हैटीा याहैा स, जाामु लगी �हैा है’। इसस े
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लकि�न भा�वाी जां�-जां� स आवााजा ��न लगीी। तभाी रुद्रो भाी उठा गीयाा पहैल �ी रुद्रो �छु �हैता भा�वाी पकिलस वााल �ी त�फ जां�-जां� स े
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औ� वां भाी भा�वाी �ं डोाटीन लगीा। रुद्रो न दखा भा�वाी उस� पीछु दख घा�ान लगीी। पकिलस वााला थांड़ीा पीछु हैं�� न�मु आवााजा मु बंला ‘भााई
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�� किचल्लीा �हैी थाी। रुद्रो न दखा उस� पीछु ए� किवा�धै� फन फलाया जाामु लगी �हैा है, हैटीा ल प्लीीजा‘। रुद्रो धैी� स मुस्क�ायाा औ� साईकि�ल
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बठाा थाा। भा�वाी न आवा दखा न तावा। वां उस प� झेपटी पड़ीीं। शं�गील ल�� वाहैा स चला गीयाा। वां भा�वाी �ं दख जाा �हैा थाा। उस�ी आखंं मु ं
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औ� भा�वाी �ी सकिक्रयाता स किवा�धै� वाहैा स चला गीयाा। रुद्रो �ी जाान आस था। उसन भा�वाी � खान � किलए बहुत �छु सामुान किलयाा। अपनी
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बची। डो� स उस�ा हैल� सख गीयाा। सभाी न “है�-है� शम्भ” �ा साईकि�ल उठााई औ� आगी � सफ� प� किन�ल गीयाा। तबस भा�वाी औ�
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जायाघां� कि�याा। भा�वाी रुद्रो � समुीप बठा गीई। रुद्रो न भा�वाी �ं उठाायाा रुद्रो साथा-साथा भाा�त भ्रमुण �� �है है ।
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