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इतनी समझदार नह! थी ले9कन धीर-धीर मg ह। हालां9क दु%नया म और भी कई लेखक-
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जानन लगी 9क यह &या था। वह तो बस मदद लेLखकाए ऐसी रह!ं िजSह'न अपन जीवन म दर!
करती थी, सबका अfछा करती थी ले9कन 9फर भी स #लखना शुd 9कया और अपना एक थान
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उसक> बदनामी ह! होती थी। उस 6ी पर जहर बनाया। मेरा सवाल ह 9क तीन बे1टय' क> मां और
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दन का, ह?या करन का इnजाम था और पूरा गांव एक गृ1हणी क उ?तरदा%य?व %नभान क साथ
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उस अपराधी मानता था ले9कन मgन ऐसा कभी #लखन का अनुभव कसा था? आप सारा 1दन क>
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नह!ं माना और ऐसा भी नह!ं ह 9क मg इस उ म आपाधापी क ख?म होन क बाद #लखती थी, या
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पKरप&व होकर उसको %नदष मानन लगी ह, मg सुबह जnद! उठकर? य +बंधन कस 9कया?
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छ ु टपन स ह! उस %नदष मानती थी। मेरा मन
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मै3यी – दखी मीना ी, घर संभालन क #लए
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मानता ह! नह!ं था 9क उSह'न ऐसा 9कया होगा,
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#लखन क #लए कोई +बंधन नह!ं हआ करता।
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&य'9क उनक> +क ृ %त ऐसी थी ह! नह!ं। जब तक
कलाओं क #लए जैस #लखना हआ, प1टंग करना
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उनक साथ कोई अ?याचार नह!ं हआ होगा, उSह'न
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हआ, हम संगीत सीखते ह तब अंदर स एक
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कोई 1हंसक कदम नह!ं उठाया होगा। मgन तब भी
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आवाज़ आती ह 9क हां हम यह कर सकते हg।
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नह!ं माना और 9फर मgन अपनी सबस पहल!
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उसक #लए +बंधन क> जdरत नह!ं पड़ती।
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कहानी उसी 6ी पर #लखी और मgन डर-डर कर
पKरि थ%तयां जdर ऐसी होती ह जो kकावट
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बड़े संकोच क साथ साyता1हक 1हंदु तान म छपन
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डालती ह, Dयवधान पैदा करती ह, रोक सकती ह
क #लए भेज द! और वह कहानी छप भी गई। तब
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पर अंतम न स जो जोश और चेतना आती ह, वह!
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मुझे लगा 9क मg अगर #लखू और बताऊ 9क &या
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इन बंधन' को अलग करती ह और हम kकावट'
हआ ओर &या हो जाता ह, अगर मg इसक>
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स आग बढ़ते जाते हg। बहत सी ि 6यां कहती ह
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Dया{या कd, जनता क सामन रखू तो शायद यह
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9क उSह बहत संघष करना पड़ा, लड़ाई लड़नी
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कहानी नह!ं बिnक एक 6ी क> 6ासद! क>
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पड़ी। मेर घर म भी बहत Pवरोध हआ। ऐसा नह!ं
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#शना{त बनेगी। खैर यह कहानी छप गई और
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ह 9क मg यह सब बड़े आराम स कर पाई, आराम
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साyता1हक 1हंदु तान म उस कहानी क साथ एक
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स %नकल पाई। मेर प%त का उ?तरदा%य?व था।
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पूर पेज पर एक 6ी का Uच6 छपा था और मg
हालां9क मां न तो कभी 9कसी चीज पर रोक नह!ं
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उस Uच6 को छ ू -छ ू कर दखा करती थी। मg उस
लगाई, वह बहत दूसर वभाव क> थीं, िजस आज
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कहानी स उस Uच6 स, इतना जुड़ गई थी।
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क> भाषा म आप जागdक कह सकती हg। ले9कन
मीना ी : आपन बहत दर! स #लखना शुd 9कया। प%त तो प%त होते ह, उनको अपना अUधकार
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आपक> अUधकतर रचनाए 1994 क बाद +का#शत चा1हए। प?नी को प%त क अनुसार चलना चा1हए,
मई – जुलाई 11 लोक ह ता र