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हg जो #लखती ह, तो मेर! &लासमेट का जवाब था, 1द&कत भी होती ह और 9फर #सखाया यह जाता
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हां-हां जानती ह। तब तो वह बहत आवारा थी। ह 9क 1द&कत हो तो कहना भी नह!ं ह।
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बस यह! अनुभव रह, #लखा तब घेर गए, पढ़ रह हमारे यहां मनु मृ%त म7 6ी के #लए जो %नयम
आंख का कांटा बने। 9फर घेर गए। साधन ह!न थे, बनाए गए, तो Vयादातर उनको मानने का चलन
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9फर भी आगे बढ़ते गए। तो बस यह! कॉलेज क %नकल पड़ा। Pववाह म बराबर! क> तो बात थी, वह
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और पढ़ने क अनुभव हg। कह!ं गुम हो गई। हमारा संPवधान भी Pववाह म
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बराबर! का अUधकार दता ह। तो मेरा मानना यह
मीना ी : Pववाह समाज क> एक वीक ृ त और
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ह 9क Pववाह सं था भी बराबर! क अUधकार' का
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कानून सJमत सं था ह, जो पुkष- 6ी को समान
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पालन कर, तो भी Vयादा अfछा होगा और तभी
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अUधकार द, घर गृह थी चलाने अनुम%त दती ह।
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हम बराबर! स चलगे। एक आ_ा दगा और दूसरा
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Pववाह 6ी-पुkष, दोन' क अUधकार' को कानूनी
मानेगी। यह चलन नह!ं होना चा1हए। हां, सलाह
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संर ण दता ह। ल9कन अगर मg आपक 9कसी भी
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द! जा सकती ह। वैसे तो हमार धम ंथ' म कहा
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उपSयास को लू, चाक, इननुम, आपक>
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गया ह 9क प?नी मं6ी क> तरह होती ह, सलाह
आ?मकथा, क तूर!, उनम ऐसा लगता ह 9क
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दने म ले9कन कई बार हमने लोग' को अपनी
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Pववाह 6ी क पैर' क> वो बेड़ी ह जो न खड़ा होन
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ि 6य' को यह कहते भी सुना ह 9क तुम &या कर
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दती ह और न ह! बढ़ने। तो &या 6ी मुि&त का
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सकती हो, तुमम &या अ&ल ह, तुम चुप रहो। चुप
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रा ता Pववाह नाम क> सं था क खंडन से ह!
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रहो गाग, चुप रहो मै6यी। हमार यहां हमेशा ऐसा
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सJभव ह?
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ऐसा ह! होता आया ह और ऐसा ह! कहा गया ह
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मै3यी : मेरा मानना ह 9क Pववाह म समान 9क चुप रह। पर यह चुप रहो वाल! बात चलती
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अUधकार क> बात होनी चा1हए। Pववाह सं था जो नह!ं ह, 9फर वह चाह Pववाह हो, समाज हो, या
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भी कहती रह, उसम चाह जो भी वचन भरवाए कोई कहानी, आ?मकथा या उपSयास। सब का
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जाएं। 9कसी भी वण म, धम म, समाज म, 1हंद! बराबर! का दजा होना ह! चा1हए। सभी को कहने
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म, सं क ृ त या उदू म, यह सार वचन एक दूसर का भी बराबर अUधकार होना चा1हए। ले9कन मg
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का साथ दने क #लए भरवाए या 1दलवाए जाते हg। यह भी कहगी 9क इस अUधकार क साथ वयं को
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अब होता &या ह 9क Pववाह म जो मजबूत होता अनुशा#सत रखने क> िजJमेदार! भी आती ह।
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ह, वह अपना पलड़ा भार! कर लेता ह। हमार यहां &य'9क हम कहने का अUधकार ह तो हम बेवजह
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Kरवाज यह ह 9क लड़क> दूसर! क घर जाती ह। ह! क ु छ भी Uचnला नह!ं सकते। एक बात और
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अब दूसर क घर म थोड़ी Lझझक भी होती ह, कह, मg इस बात क बहत Lखलाफ ह 9क कोई बात
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मई – जुलाई 15 लोक ह ता र