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24                          THE   GAZETTE   OF  INDIA : EXTRAORDINARY                   [PART III—SEC. 4]

                    xv)  उ पाद के अ य बीमाकता  से संबंिधत  ीिमयम के अंश का शी  अंतरण करने के िलए  थािपत काय िविधय  के
                        सहमित  ापन (एमओयू) म   ित बिबत होने क  आव यकता है।


                              (1) बशत   क जहाँ समय संवेदनशील उ पाद, जैसे यूिनट सहब  जीवन बीमा उ पाद कॉ बी उ पाद
                                 के भाग के   प म    तािवत ह , वहाँ जीवन बीमाकता  वत मान िविनयम  का पालन करने के िलए
                                  भावी    याएँ  थािपत कर गे।

                  xvi)   त काल ( रयल टाइम) आधार पर पॉिलसी डेटा बेस के  आधार पर  ीिमयम को अ तन करने के िलए  थािपत
                        प रचालनगत काय िविधय  का भी उ लेख  कया जाएगा।

                  xvii)  वत मान िविध, िविनयम ,  दशािनद श  आ द के अधीन `कॉ बी उ पाद ' के पॉिलसीधारक  को िलए अ य अंश
                        को जारी रखते  ए जोिखम बीमार ा के दोन  म  से एक अंश को समा  करने के  िलए उपल ध िवक प  का
                        िव तृत िववरण  दया जाएगा।

                  xviii)  `कॉ बी उ पाद ' के संबंध म  दोन  बीमाकता    ारा जारी  कये जाने वाले   तािवत िव य सािह य / िव य
                        िनदश न,   ताव फाम  क   ित भी, इस शत  के अधीन  क ये द तावेज फाइल ए ड यूज़    या अथवा उ पाद

                        फाइ लग  दशािनद श  के अंतग त अनुमो दत ह , सहमित  ापन (एमओयू) का भाग बन गी।

                          xix)  `कॉ बी उ पाद ' के सामा य िव ापन  के संबंध म  भी, इस शत  के अधीन  क ये `कॉ बी उ पाद' क  िवशेषता
                       और शत  तक सीिमत ह गे, सहमित होगी और सहमित  ापन (एमओयू) का भाग बनेगी।

                   ग.  अ णी बीमाकता ः

                       i.  चूँ क `कॉ बी उ पाद' का   ताव करने के संबंध म  दो बीमाकता  संब  ह , अतः इस िवषय म  पार प रक
                           प से सहमित होनी चािहए  क सहमित- ा  शत  और सरोकार  के साथ िवपणन  कये गये   येक `कॉ बी

                          उ पाद' के संबंध म  दोन  म  से एक बीमा कंपनी अ णी बीमाकता  के  प म  काय  कर सकती है।

                       ii.  इस  योजन के िलए अ णी बीमाकता  वह बीमाकता  है जो कॉ बी उ पाद  के िलए अपेि त  प म  िविभ
                          सेवाएँ  दान करने के िलए एक संपक  िब दु के  प म  पॉिलसी स व सग को सुसा य बनाने म  मह वपूण
                          भूिमका अदा करने के िलए दोन  बीमाकता    ारा पार प रक  प से सहमित- ा  बीमाकता  है।

                       iii.  `कॉ बी उ पाद ' क   भावी पॉिलसी स व सग के िलए भागीदार-बीमा कंपनी क  वत मान प रचालनगत
                          बुिनयादी संरचना पर िन भर रहने क     या म  अ णी बीमाकता  क  भूिमका कम नह  होनी चािहए।

                       iv.  दोन  म  से कोई भी बीमाकता  अपनी संबंिधत पॉिलिसय  क  शत  के अनुसार दाव  के स  य िनपटान क
                          िज मेदारी और अ य दािय व  से मु  नह  होगा।

               4.  जोिखम-अंकनः  `कॉ बी उ पाद' के अंतग त, जोिखम के संबंिधत अंश का जोिखम-अंकन संबंिधत बीमा कंपिनय   ारा
                    कया जाएगा, अथा त् जीवन बीमा जोिखम का जोिखम-अंकन जीवन बीमाकता   ारा तथा  वा  य बीमा अंश का

                   जोिखम-अंकन साधारण अथवा  वा  य बीमाकता   ारा  कया जाएगा।

               5.  फाइल ए ड यूज़ / उ पाद फाइ लग  दशािनद शः

                   क.  कॉ बी उ पाद के   प म    तािवत  कया जाने वाला जीवन बीमा उ पाद और  वा  य बीमा उ पाद, जैसी
                       ि थित हो,  फाइल ए ड यूज़    या अथवा उ पाद फाइ लग  दशािनद श  के अंतग त पूव -अनुमोदन  ा  होगा।

                   ख.  दोन   वतं  अनुमो दत उ पाद  को एक एकल उ पाद के  प म  एक कृत  कया जाएगा तथा एक सामा य   ड
                       नाम के  साथ फाइल  कया जाएगा।

                   ग.  उ  एकल उ पाद अनुमो दत उ पाद  म  कोई आशोधन  कये िबना   तािवत  कया जाएगा।







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