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  4 अप्रैल 2021
  आमुख कथा
मस्तिष्क पर मंत्रक
 अद्तभु प्रभाव
डॉ अजय चौधरी, आचञाय्य आ विभञािञाध्यक्ष, रञाम मनयोहर लयोवहयञा हॉस्पिटल, नई दिल्ी
आ बुिनाई केर शदति कम भ’ जाइत िैक जकरा पररणामस्रूप ओकरा कयोनयो काज मे ध्यान लिेबा मे, ओकरा छसखबा मे आ याि रखबा मे दिक्त हयोइत िैक। ओकरा दिनचया्ण सं बं धी सामान्य शारीररक दक्रयाकलाप करबा मे सेहयो मयोल्कल हयोइत िै क। सं ज्ानामिक दिकार सं ग्छसत व्दतिक सामान्य सामाछजक आ पाररिाररक जीिन-यापन सेहयो मयोल्कल भ’ जाइत िैक। ओना त’ मािक िंभीर चयोट बला रयोिी सभ मे ई परेशानी कनेकबे काल धरर हयोइत िैक, मुिा दकिु रयोिी मे ई बेसी काल धरर रदहत सकै त अछि।
मंत्र केर व्दति पर दिछभन्न रूप मे अभतू पिू ्ण प्भाि पड़तै अछि जादह मे शारीररक, संज्ानामिक, भािनामिक आ आध्याछमिक प्भाि महत्वपणू ्ण अछि। मंत्रयोच्ारणक िरौरान व्दति केर मलस्तष्क मे हयोमय िला पररितन्ण सभ कें नापल िले आ एमआरआई (MRI) यं त्रक सं यतिु आंकड़ा सभक अध्यन कयला पर पाओल िले दक मंत्र मानिमलस्तष्ककलले उत्परेकककाजकरतै अछि। ई मलस्तष्क केर फ्ंटल लयोब आ प्ीफ्ंटल कॉटमेक्स कें दक्रयाशील करतै अछि जे दक कयोनयो िस्तु िा बात पर ध्यान िेबाक लले प्यतिु हयोइत अछि। मलस्तष्क के र एदह भाि
सभ मे मयोटर कं टट्योल नटे िक्ण , प्ी मयोटर आ सप्ीमटें ट्ी मयोटर कयोदटस्ण से के र सं ि-सं ि प्टू ामन सहे यो शादमल अछि।
मंत्रमलस्तष्ककिदनक्ण एररयाकेंसहेयोदक्रयाशील करैत अछि जे दक व्दति केर बजबाक दक्रया सं संबंछधत हयोइत अछि। जखन लफे ट फ्ं टल लयोब (आिाज आ भाषा कें बिू बाक प्दक्रया सं संबंछधत भाि), मािक िंभीर चयोटक कारण अदक्रयाशील भ’ जाइत अछि, त’ मंत्र एकरादक्रयाशीलकरबामेमहत्वपणू्णभदूमकादनभाबतै अछि, दकएक दक मंत्र ध्यान केंदद्रत करबा मे बहत बसे ी प्भािकारी हयोइत अछि। एकरा मे व्दति के र नकारामिक िा असं ित दिचार सभकें रयोकबाक आ मानछसक तनाि कें कम करबाक अलरौदकक शदति हयोइत अछि।
एदह चलते मािक िं भीर चयोटक बाि रयोिी मे हयोमय िला तंदत्रका संबंधी दिकार जेना दक याििा्त कम भ’ िेनाई, अपन दिनचया्ण सं बं धी सामान्य काज करबा मे असमि्ण आ व्िहार सं बं धी बिलाि जेना दक अिसाि, उिासी, दनराशा आदि पर मंत्रक व्िलस्त पुनरािृदत्त के र बहत सकारामिक प्भाि पड़ैत अछि।
माथक गंभीर चकोट सं पीड़ित रकोगी सभ मे मंत्रकोच्ारण के र लाभ
पूि्ण सैदनक सभक संिदह दिछभन्न िि्णक लयोक सभ पर मं त्रक प्भाि के र अध्ययन कयल िेल। िेटरन एरदमदनस्ेट्शन(िीए)हे्िकेयरछसस्ममेसमूह आधाररत मं त्र पुनरािृदत काय्णक्रम (एमआरपी) के र अंति्णत मं त्रक प्ययोि करबा सं बं धी कतेकयो अध्ययन सभ पर ररपयोट्ण प्काछशत भ’ चुकल अछि। एमआरपी
 सं
स्ृत शब्द मंत्रक अि्ण अछि एकटा एहन पदित्र
अछभव्दति, चमत्ाररक ध्वदन िा कयोनयो अक्र, शब्द
िा शब्दक समहू जे मनयोिज्ै ादनक आ आध्याछमिक शदति सं पररपणू ्ण हए। मं त्रक उच्ारण सं हयोमय िला एहन प्भािशाली ध्वदनक व्दति केर मानछसक, शारीररक आ मनयोिज्ै ादनक चते ना पर अद्तु प्भाि पड़तै अछि।
एदह क्त्रे मे कयल िले दिछभन्न अनसु ंधान एदह बातकपदुष्करतै अछिदकमंत्रकउच्रणसंहयोमयबला ध्वदन-कंपनआएकरामेप्यतिु शब्दकअि्णकेररयोिीक संज्ानामिक दक्रयाशीलता, अिसाि, चयोट लिबाक चलते हयोमय िला तनाि सं बं धी दिकार, व्िहारामिक दक्रयादिछध, मानछसक लस्दत आ आध्याछमिक हाि-भाि पर बहत पघै प्भाि पड़तै अछि। इएह कारण अछि दक एदह प्भािशाली प्दक्रयाक प्दत जने ा-जने ा हमर सभक दिश्वास आ समि बढ़ैत जायत हमरा सभ मानि शरीर आ आमिा कें प्भादित करय बला एदह प्ाचीन पर्दत कें निै ादनक उपचारक क्त्रे मेआरबसेीप्भािीरूपसँअपनबेामेसमि्णभ’जायब।
प्रतिाविा
माि मे जयोर सं चयोट लािला सं मनुष्यक सयोचनाई
















































































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