Page 7 - KV Pragati Vihar (Emagazine)
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संपादकीय



                  विद्यालय की विविधप्रितभाओं की रचनाओंतथा विलभन्न विद्यालयी आयामों से सुसजजजत इस ‘ईपत्रत्रका -’

           को आपक े  समक्ष रखते ह ु ए अपार आनंद की अनुभ ित हो रही है | यह पत्रत्रका विद्यालय पररिार क े  सभी सदस्यों

           क े  सकारात्मक  सहयोग की पररणित  है | विद्यालय  पत्रत्रका विद्यार्थषयों की निांक ु ररत  एिं नि पल्लवित होती
           प्रितभा को एक नया आयाम प्रदान करती है | यह विद्यालयी गितविर्धयों का आईना होती है |


                  आज जोविद्याथी हैं, िे ही देश क े  भािी िनमाषता बनेंगे | विद्यालय पत्रत्रका इन भािी देशिनमाषताओं को  -

           विचारों - अपने भािों, अपनी कल्पनाओं की नई उड़ान भरने का अिसर प्रदान कर उनकी अलभ्यजक्त क्षमता को

           उजागर करने  का एक सशक्त  मंच प्रदान करती है तथा उन्हें  राष्ट्र क े  पुनिनषमाषण  क े  कायों क े  ललए प्रेररत एिं
           िनदेलशत करती है | यह विविध क्षेत्रों में उभरती  विद्यालयप्रितभाओं की जानकारी देकर अन्य मंद प्रगितशील  -

           विद्यार्थषयों को भी कमषव, प्रगितशील, पररश्रमी तथा धैयषिान बनने की प्रेरणा देती है |


                  हम कें रीय विद्यालय संगवन क े  समस्त अर्धकाररयों क े  सुभाशीर् एिं अम ल्य िनदेशन क े  ललए क ृ तज्ञता

           ्यक्त करते  हैं |इस पत्रत्रका को साकार एिं म तष ऱूप प्रदान करने  में प्राचायाष महोदया,  उपप्राचायष महोदय  का  -
           सक े  ललए हम व्दय  की अतल गहराइयों से आभार  ्यक्त करते  हैं विशेर् योगदान  एिं मागषदशषन  है जज| इसक े

           अितररक्त संपादक मण्डल क े  सभी सदस्यगण,  मुख्य अध्यावपका, मुखपृष्ट्व की डडजाइन क े  ललए श्रीमती संध्या

           जायसिाल तथा पृष्ट्व साज साधुिाद क े  पात्र हैं जजनक े  अथक     सजजा  क े  ललए श्रीमती प्रीित यादि -प्रयासों से यह
           पत्रत्रका आपक े  समक्ष है |


                  आपक े  शुभाशीर् एिं अम ल्य  सुझाि आमंत्रत्रत  हैं | ईश्िर से यही दुआ है कक िह हम सभी को प्रगित-

           - पथपर आगे बणने की प्रेरणा प्रदान करे


                                           होकर माय स न य ूँ शाम-सा ढलते रहहए,

                                           जजंदगी भोर है स रज सा िनकलते रहहए   -|
                                             इक पैर पर वहरेंगे तो थक जाएंगे,

                                           धीरे धीरे ही सही राह पर चलते रहहए   -|



                                                                                प्रताप क ु मार पॉल

                                                                                 स्नातकोत्तर लशक्षकहहंदी
                                                                                                      -
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