Page 166 - Not Equal to Love
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सूरज ूकाश
- सर आप ये बात इतनी देर से _ य* बता रहे ह। आपने
बहुत अg छf बात बतायी। मेरे सामने कारण दूसरा रहा.....
जब सब याद करने क आदत थी, तो सब कहते थे भूल
जाया करो जY द+। H यादा याद मत 5कया करो।
- जी!
- अब आलम ये है 5क चलने दो... के च_ कर म... सब
कु छ... जY द ह+ आपके बताये तर+के से पढ़ूंगी। पहले सभी
को ले कर एक नज़र देख रह+ हूं। बेशक इसे आप
भकोसना जैसा कु छ कहगे।
- वह+ कहता।
- आपका सारा सा5ह य तो पढ़ िलया!
- जी अब आगे बढ़!
- जो चाह पूछ सकते ह। मुझे पागल समझ रखा है _ या...?
- हाहा हाहा!
- मेरा कहने का मतलब था 5क अब युिनविस<ट+ के
=रसच< ः कालर क तरह सारा 5दन राइटर को 5दमाग
म उठाये उठाये घूमना मुOँ कल है। उसके जनम,
मरण क सार+ 5डटेY स के साथ।
- उफ. चुप रहना ह+ भला..।
- जैसा 5क एके डिमक सफलता के िलए ज/र+ होता है।
- जी सरकार!
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