Page 165 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव
06/06/2015 3.04 PM
- हैलो!
- आज गकोष पर कई घंटे Iबताये और बहुत कु छ पढ़ा।
- बहुत फाः ट र+डर ह आप!
- समः या ये है 5क इतना पढ़ने के बाद... कोई पूछे.. कौन
सी कहानी.. 5कसक थी.. मेरे िलए याद करना मुOँ कल हो
जाता है।
- पढ़ते समय होने वाला अहसास H यादा मायने रखता है..
याददाँत साथ नह+ं भी देती तो भी कोई बात नह+ं। पाठ
सुख पाना ह+ बड़+ बात है।
- सह+ कहा आपने!
- शायद एक खराब आदत होती है 5क एक ह+ ः शोक म सब
ख म कर 5दया जाये। अg छf रचना का अg छे संगीत क
तरह आनंद िलया जाना चा5हये। भीतर उतरे रचना तो
H यादा सुख देगी। आप पढ़ने का कोई ूोजे_ ट नह+ं कर
रह+ ह और न ह+ फाः ट र+5डंग कd पीट+शन म 5हः सा ह+
ले रह+ ह। कोई एक लेखक चुन, उनके सा5ह य का पूरा
आनंद ल उसके बारे म कु छ िलख तभी अगले लेखक क
ओर बढ़। देखगी 5क H यादा सुख िमल रहा है।
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