Page 160 - Not Equal to Love
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सूरज ूकाश
- ले5कन म यह कहना चाहती हूं 5क म हैy पी ऐं5डंग वाली
कहािनयां िलखना चाहूंगी।
- कु छ भी िलख ले5कन िलख तो सह+।
- मेर+ सोच आपक सोच से अलग है, इस बात से आप
परेशान तो नह+ं ह*गे ना सर?
- सबक सोच अलग होनी ह+ चा5हये। तभी लेखन म
नवीनता आयेगी। एक अg छf बात है 5क आप जीवन के
सकारामक पहलू को देखती और मानती ह। इससे बहुत
फक< पड़ता है।
- आपका लेखन तो पूरा पढ़ िलया, 5कसी और लेखक का
सुझाव दगे सर?
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