Page 155 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव


                                        5डिमय*,  आवेदन पऽ* क कॉIपय* और अखबार* क
                                        कतरन* कर बंडल उठाये दvतर*,  फै _ट=रय*,  सेवा योजन
                                        काया<लय* के  गेट के  आसपास और चौराह*,  नु_कड़* पर

                                        देखे जा सकते थे। वे हर कह+ं मौजूद थे। वे सब जगह*
                                        पर अरसे से थे।

                                        …….
                                      - बॉटनी का गोYड मैडिलःट बक के  काउंटर पर बैठा 5दन भर
                                        नोट िगनता था और 5फOज_स का फःट< _लास फःट< कह+ं

                                        सड़े हुए सरकार+ दvतर म घुन लगी कु स` पर बैठा आलतू-
                                        फालतू क िचO{ठय* को दज< कर रहा था। अंमेजी सा5हय
                                        के  एमए पास युवक होटल म माहक* के  5डनर के  ऑड<र लेते
                                        िमलते और 5हTद+ का पीएचड+ 5कसी दूर-दराज क चुंगी पर

                                        बैठा जा5हल शक साइवर* से माथा-पgची कर रहा होता।
                                        पािलएःटर टै_नालाजी म पीएच ड+ युवक 5कसी चाय
                                        कdपनी म माक- 5टंग मैनेजर होता। कह+ं कह+ं ऐसा भी होता
                                        5क घोड़ा डॉ_टर+ क 5डमी ले लेने के  बाद भी जब 5कसी
                                        युवक को दूर पास कह+ं भी छोट+-सी नौकर+ नह+ं िमलती थी
                                        तो वह मोटर पा{स< क या 5कताब* क सेYसमैनी वाली
                                        घुमंतू नौकर+ िसफ़<  इस िलए ःवीकार कर लेता था 5क
                                        बेरोज़गार रहने से तो अgछा है, कु छ बेच ह+ लो। घर वाल*
                                        के  सामने हर समय थोबड़ा लटकाये रहने से तो यह


                                        बेहतर था।
                                        …….

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