Page 158 - Not Equal to Love
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सूरज ूकाश
                                      - नह+ं छIव, अपने लेखन को तो खुद ह+ जः ट+फाई करना

                                        होता है।
                                      - जी!
                                      - एक स ची घटना है। एक बार बहुत सारे नये लेखक से

                                        बड़े लेखक से िमलने और उससे लेखन के  बारे म ट स
                                        लेने सुनने गये। लेखक ने सबसे पूछा-$ या बनना चाहते
                                        हो तो सबने एक ः वर से कहा-लेखक बनना चाहते ह(।
                                        लेखक ने एक ह) श+ द का भाषण दया–िलखो। और

                                        चले गये।
                                      - वाह मेट, ले5कन संतुI का ः तर..... म 5कसी भी अgछे
                                        लेखक को पढ़ कर महसूस करती हूंi
                                      - कहा जाता है 5क दुिनया म िसफ<  सात ह+ कहािनयां ह
                                        Oजन पर पूर+ दुिनया का सा5ह य 5टका है। फक<  हर

                                        लेखक क 5बये5टIवट+ का ह+ होता है।
                                      - और मुझे िलखते समय 5कसी भी संवाद के  दोहराव का
                                        डर रहता है। कारण ये है 5क सभी श) द मुझे अपने से

                                        लगते ह।
                                      - पूर+ दुिनया म y यार पाने और y यार जतलाने के  तर+के
                                        एक से हो सकते ह ले5कन ूेम कहािनयां एक जैसी नह+ं
                                        होतीं।

                                      - वाह!



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