Page 159 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव


                                      - छIव जी, म भी पहले यह+ सोचता था। आOखर कु छ तो
                                        होता है हर लेखक म जो उसके  लेखन को दूसर* से अलग

                                        करता है।
                                      - जी!

                                      - पता है क कई नये लेखक कसी को भी नह)ं पढ़ते क
                                        कह)ं उनका लेखन कसी से ूभा4वत न हो जाये। होता
                                        ये है क वे कह)ं नह)ं पहुंचते और समय आगे िनकल
                                        जाता है।

                                      - आप _ या सलाह देते ह अपनी इस संभावनाशील ले5कन
                                        आलसी लेOखका िमऽ को।
                                      -  लेOखका तो आप िलखना शु/ करने के  बाद बनगी।

                                      - ये मेर+ बात का जवाब नह+ं है सर।

                                      -  हम माः टस< को ये जानने के  िलए पढ़ना चा5हये 5क उनके
                                        सा5ह य म _ या था 5क वह हम तक पहुंचा और उनके
                                        जाने के  बाद आज भी ूासंिगक है। समकालीन* को
                                        इसिलए पढ़ना चा5हये 5क वे अपने व_ त को अपने
                                        सा5ह य म Oजस तरह से ला पा रहे ह _ या म भी कर पा
                                        रह+ हूं या नह+ं। कह+ं म श+टमट, कš य, भाषा शैली वगैरह
                                        म पीछे तो नह+ं रह गयी।

                                      - आपसे बात करके  सारे ॅम दूर हो रहे ह।


                                      - और मेरा ॅम तब दूर होगा जब आपका िलखा कु छ िमलेगा।

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