Page 188 - Not Equal to Love
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सूरज ूकाश
इस बीच कौन-कौन पूरा हो गया, 5कस-5कस के 5कतने-
5कतने बgचे हुए, शा5दयां, दो-चार तलाक, दहेज क वजह
से एकाध बहू को जलाने क खबर, 5कसने नया घर बनाया
और कौन-कौन मोहYला छोड़ कर चले गये और गली म
कौन-कौन नये बसने आये। 5कस के घर म बहू क श_ल
म डायन आ गयी है Oजसने आते ह+ अपने मरद को
अपने बस म कर िलया है और मां-बाप से अलग कर
5दया है, ये और ऐसी ढेर* खबर बेबे क Iपटार+ म से
िनकल रह+ ह और हम सब मज़े ले रहे ह।
म भी तो अपनी लड़ाई का मैदान छोड़ कर Iबना लड़े ह+
हार मान कर जा रहा हूं। एक ह+ मैदान से दूसर+ बार पीठ
5दखा कर भाग रहा हूं।
पगली है गु@ड) भी!! ऐसे कमज़ोर भाई को अपना
आदशD बना रह) है जो कसी भी मु;ँकल ;ःथित का
सामना नह)ं कर सकता और दो बार पलायन करके घर
से भाग चुका है।
हम Oज़ंदगी भर गलत दरवाजे ह+ खटखटाते रह जाते ह
और कोई कह+ं और बंद दरवाज* के पीछे हमारे इंतज़ार
म पूर+ उॆ गुज़ार देता है। और हम या तो खबर ह+ नह+ं
िमल पाती या इतनी देर से ख़बर िमलती है 5क तब कोई
भी चीज़ मायने नह+ं रखती। बहुत देर हो चुक होती है।
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