Page 189 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव
- घर के मोह से हमेशा के िलए मुN हो गया। अब कम से
कम रोज़ रोज़ घर के िलए तड़पा नह+ं क/ं गा। बेशक तेर+
और बेबे क िचंता लगी ह+ रहेगी।
- सर, आपके इस उपT यास क थीम _ या है।
- अब तक आप आधा पढ़ चुक ह.. समझ म आ जाना
चा5हये।
- आपक तबीयत कै सी है अब?
- ठfक ठfक!
- आपक कहािनय* म प=रOःथितयां बहुत बड़ा रोल िनभाती
ह। वह+ बार बार आप बताते ह। ये उपT यास भी उसी
5दशा म जा रहा है। ये देख - पहले तुझे अपनी
कमजो=रय* के Oखलाफ, अपने गलत फै सल* के Oखलाफ
और अपने Oखलाफ गलत फै सल* के Oखलाफ लड़ना
सीखना होगा। तय कर ले 5क न गलत फै सले खुद लेगी
और न 5कसी को गलत फै सले खुद पर थोपने देगी।
- ओह।
- सर, कभी-कभी थेरेपी क है खुद के दद< पर : यान लगाने
क?
- क तो नह+ं है बताय!
- ओके बताती हूं। ओशो पढ़ते ह, सुनते ह उसे गुिनये भी!
- _ या इस इलाज म उपदेश भी शािमल है?
- सुन और कर चुपचाप!
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